,

साहित्य बढ़ाता है इम्युनिटी : डॉ. बुधौलिया

Posted by

सरल काव्यांजलि द्वारा पुस्तक चर्चा एवं सम्मान समारोह आयोजित
उज्जैन। ‘उज्जैन सुमनजी और सरलजी की नगरी है। इस शहर की पहचान इन दोनों हस्तियों से है। ऐसी ही हस्तियों के कारण इस नगरी से साहित्य की धारा सतत बहती रही है और साहित्य, हमारी इम्युनिटी बढ़ाता है।’
उक्त उद्गार संस्था सरल काव्यांजलि द्वारा आयोजित पुस्तक विमोचन, समीक्षा एवं सम्मान समारोह में वरिष्ठ साहित्यकार, शिक्षाविद डॉक्टर हरिमोहन बुधौलिया ने व्यक्त किए। संस्था सचिव डॉक्टर संजय नागर ने बताया कि कार्यक्रम के अध्यक्ष, वरिष्ठ शायर एवं पूर्व डी.एस.पी. के.एन. शर्मा ‘अकेला’ ने पुलिस की नौकरी में ‘मानवता सर्वप्रथम’ की बात करते हुए संस्था को अपनी शुभकामनाएं प्रेषित कीं। विशेष अतिथि ख्यात शायर एवं शिक्षाविद डॉक्टर जफर महमूद ने शहर में साहित्यिक, सांस्कृतिक वातावरण बनाए रखने के लिए सरल काव्यांजलि के योगदान को रेखांकित किया।
इस अवसर पर सन्तोष सुपेकर की 56 लघुकथाओं के अंग्रेजी अनुवाद संकलन ‘सिलेक्टेड लघुकथास ऑफ सन्तोष सुपेकर’ का विमोचन हुआ। इस पुस्तक की अनुवादक श्रीमती कल्पना भट्ट (भोपाल) व संयोजक डॉक्टर चंद्रेश छतलानी (उदयपुर) के आडियो सन्देश भी प्रसारित किए गए। संस्था द्वारा समाजसेवी शैलेश नागर और हाल ही में यू.पी.एस.सी. से भारतीय पुलिस सेवा हेतु चयनित तन्मय काले का सम्मान किया गया।
इस अवसर पर दिलीप जैन के उपन्यास ‘जाँच अभी जारी है’ पर चर्चा करते हुए नितिन पोल ने कहा कि इस कृति में भाषा की प्रगल्भता है। यह उपन्यास बैंकिंग सिस्टम में लगे दीमकों को दिखलाता है। उपन्यास में बैंकिंग क्षेत्र के कर्ज वितरण, ऋण स्वीकृति, दलाल सिस्टम पर लेखक ने पर्याप्त प्रकाश डाला है। पुस्तक चर्चा करते हुए श्रीमती आशागंगा शिरढोणकर ने कहा कि ‘जाँच अभी जारी है’ एक उपन्यास नहीं, आपबीती है जिसका कथानक बेहद कसावट भरा है। इसमें एक बैंक कर्मचारी को न किये गए अपराध की क्रूर एवं अमानवीय सज़ा मिलती है। तत्पश्चात आयोजित काव्य गोष्ठी में विजयसिंह गहलोत ‘साकित उज्जैनी’ विजय गोपी, दिलीप जैन, सन्तोष सुपेकर, डॉक्टर वन्दना गुप्ता, रामचन्द्र धर्मदासानी, रवि नगाइच, सूरज उज्जैनी और डॉक्टर रफीक नागौरी ने प्रभावी रचनाएँ प्रस्तुत कीं।
प्रारम्भ में अतिथि स्वागत प्रदीप ‘सरल’, अमित सुपेकर, हर्ष थानी ने किया। संचालन दिलीप जैन व नितिन पोल ने किया। आभार संस्था महासचिव राजेन्द्र देवधरे ‘दर्पण’ ने माना।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *