प्राचार्य राजेंद्र खत्री को सेवानिवृत्ति पर दी विदाई

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देवास। स्थानीय नारायण विद्या मंदिर क्रमांक एक के प्राचार्य राजेंद्रकुमार खत्री के शासकीय सेवा से सेवानिवृत्त होने पर संस्था में एक गरिमामयी कार्यक्रम कर उन्हें भावभीनी विदाई दी गई।

शिक्षा जगत देवास में सरलता का पर्याय रहे श्री खत्री ने शिक्षक के पद से लेकर जिला शिक्षा अधिकारी के पद तक के सफर को अपने पूरे कार्यकाल में सुशोभित करने का कीर्तिमान स्थापित किया और अपनी मीठी मुस्कान व सरल स्वभाव से अपनी अधिवार्षिकी आयु पूर्ण होने पर शासकीय कार्यों व पदों से सेवा मुक्त होकर सामाजिक जीवन और पारिवारिक जिम्मेदारी हेतु पुनः नया कार्यभार संभाल लिया। यह कहना सही होगा कि शासकीय सेवक विशेषत (शिक्षक समुदाय से आने वाले) वे अपने विद्यालय, छात्र/छात्राओं के जीवन संवारने, अपने स्टाफ साथियों के सहयोग में ही इतने रम जाते हैं, कि अपने पारिवारिक कार्यों, सामाजिक जीवन आदि में कटौती करते हुए पाए जाते हैं। सेवानिवृति उपरांत ही उन्हें अपने ये कार्य पूर्ण करने का अवसर मिल पाता है। आज श्री खत्री भी समर्थ हो चले है। इस गरिमापूर्ण कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आरएस जरहा पूर्व प्राचार्य थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विकासखंड शिक्षा अधिकारी अजय सोलंकी ने की एवं विशेष अतिथि के रूप में एडीपीसी ओपी दुबे तथा कैलाशचंद राजपूत सेवानिवृत जिला शिक्षा अधिकारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन किया गया।अतिथियों का स्वागत संस्था के वरिष्ठ व्याख्याता कैलाशचंद्र गुप्ता, लोकेश दुबे, मोहम्मद रफी शेख, केके मिश्रा, राधेश्याम सोलंकी, अनीस शेख, मनोहर पटेल, सहज सरकार आदि ने किया। अतिथियों और विद्यालय स्टाफ द्वारा प्राचार्य राजेंद्र खत्री के सेवानिवृत होने पर शाल-श्रीफल, अभिनंदन पत्र से सम्मान किया गया। राजेंद्र खत्री के जीवन पर प्रकाश शिक्षक अनुज जायसवाल ने डाला। श्री खत्री ने अपने मधुर व्यवहार एवं कार्य शैली से अपनी अलग छवि अंकित की है। उन्होंने अपने पूरे कार्यकाल में हमेशा सर्वहित के लिए कार्य किया है। उक्त विचार श्री जरहा ने इस अवसर पर व्यक्त किए। कार्यक्रम के अध्यक्ष श्री सोलंकी ने अपने उद्बोधन में सेवानिवृत्ति के पश्चात आगामी जीवन की शुभकामनाएं दी। एडीपीसी श्री दुबे ने भी श्री खत्री के स्वस्थ, प्रसन्न जीवन की शुभकामनाएं प्रेषित की। राजेंद्र खत्री ने अपने उद्बोधन में सभी साथियों का उनके सहयोग एवं स्नेह के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि वह सेवानिवृति के पश्चात सक्रिय रहकर समाज हित के कार्यों में अपना योगदान देते रहेंगे। आज जो कार्यक्रम विद्यालय परिवार ने आयोजित किया है, उसके लिए मैं भाव विभोर हूं। कार्यक्रम का संचालन लोकेश सांवलिया ने किया एवं आभार शिक्षक मिर्जा मुशाहिद बैग ने माना। इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाएं एवं विद्यार्थी तथा अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

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