इंदौर। राज्य शासन की सिविल सेवाओं के जिन संवर्गों में सीधी भर्ती होती है, उनमें “अ” “ब” स” एवं “”द” वर्ग की सिविल सेवाओं के सदस्यों को शासकीय सेवा में प्रथम नियुक्ति दिनांक से 35 वर्ष की सेवा अवधि पूरी होने पर चतुर्थ समयमान वेतनमान देय होगा। राज्य शासन ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।
राज्य शासन के आदेश के अनुसार ऐसे शासकीय सेवक, जिन्हें शासकीय सेवा में सीधी भर्ती से नियुक्ति की तिथि से तीन पदोन्नति/ क्रमोन्नति/समयमान वेतनमान का ही लाभ प्राप्त हुआ है, को दिनांक 1.7.2023 या इसके बाद की तिथि से 35 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर चतुर्थ समयमान वेतनमान की पात्रता होगी।
शासकीय सेवक को चतुर्थ समयमान वेतनमान के लिये सेवा अवधि की गणना, प्रतियोगी/चयन परीक्षा के माध्यम से राज्य शासन के अंतर्गत किसी सीधी भर्ती के पद पर प्रथमवार किए गए कार्यभार ग्रहण करने की दिनांक से होगी। उच्चतर वेतनमान का लाभ प्राप्त करने के लिए शासकीय सेवक को उन अर्हताओं को पूरा करना आवश्यक होगा जो कि विभागीय सेवा भर्ती नियमों के अनुसार पदोन्नति के लिये निर्धारित है।
राज्य शासन के ऐसे संवर्ग के ऐसे अधिकारी/कर्मचारी जिन्हें विशिष्ट योजना के अंतर्गत समयमान वेतनमान का लाभ प्राप्त है, उन्हें योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु मंत्रि-परिषद से पृथक से आदेश प्राप्त किया जाना आवश्यक होगा। यदि किसी संवर्ग को परिशिष्ट-। अनुसार निर्धारित चतुर्थ समयमान वेतनमान के तुल्य अथवा अधिक लेवल का वेतनमान प्राप्त हो रहा है, तब उन्हें वर्तमान प्राप्त लेवल का वेतनमान ही प्राप्त होता रहेगा।
मध्यप्रदेश राज्य की सिविल सेवाओं के सदस्यों को चतुर्थ समयमान वेतनमान के अंतर्गत मध्यप्रदेश वेतन पुनरीक्षण नियम 2017 (सातवें वेतनमान के अनुसार) मेट्रिक्स लेविल वर्ग-अ प्रथम श्रेणी, वर्ग-ब द्वितीय श्रेणी, वर्ग-स तृतीय श्रेणी, कार्यपालिक एवं सचिवीय सेवायें एवं वर्ग- द चतुर्थ श्रेणी है।
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