देवास। प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण विभाग के प्रशिक्षकों से प्रशिक्षण पाकर जिले के युवा खिलाड़ी अपना नाम प्रदेश, देश एवं विदेशों में रोशन कर रहे हैं।
इन्हीं युवाओं में देवास के आदिवासी अंचल में पले-बढ़े मयंक मोहनसिंह कर्मा ग्राम हीरापुर, विकासखंड बागली के निवासी हैं। इन्हें हॉकी का शौक बचपन से था। 8 साल की उम्र में पेड़ की टहनी से हॉकी खेलते देख कोच सुधीर टोप्पो द्वारा प्रतिभा पहचान कर देवास की राह दिखाते हुए हॉकी फीडर सेंटर दाखिला करवाया। मयंक कर्मा खेल के साथ-साथ पढ़ाई में भी मेहनती है। राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2016 से श्रीमंत तुकोजीराव स्टेडियम में हॉकी फीडर सेंटर देवास स्थापित होने बाद खिलाड़ियों को खेल और युवा कल्याण विभाग द्वारा उच्च स्तर की मैदान व प्रशिक्षण सुविधाएं प्राप्त हुई। इसके फलस्वरूप मयंक ने 2017 में 63वीं राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता, 2018 में 64वीं राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता, 2019 में 65वीं राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता, 2022 में 66वीं राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता (रजत पदक), 2023 में प्रथम हॉकी इंडिया जूनियर पुरुष वेस्ट झोन (स्वर्ण पदक) प्राप्त किया।
खिलाड़ी कर्मा जैसे कई खिलाड़ियों को प्रदेश में कुशल नेतृत्व के बल पर खेल अधोसंरचनात्मक सुविधाओं का फायदा हुआ और जूनियर इंडिया खेलते हुए मोहित कर्मा जैसी चपलता की पगडंडी पर चलते हुए छोटे भाई मयंक का चयन हॉकी इंडिया वेस्ट जोन जूनियर पुरुष हॉकी चैम्पियनशिप के लिए मध्यप्रदेश टीम में हुआ, नतीजतन राजस्थान से कश्मकश भरे फाइनल मैच में मयंक ने ’’ड्रैगफ्लिक” के अचूक निशाने से पहला गोल दाग कर विजयी इरादे साफ कर दिए और अंततः मुकाबला मध्यप्रदेश ने जीता। उनके मुकाबलों में सेंटर फॉरवर्ड पोजिशन के ’’स्टिकवर्क’’ से गोविंदा की झलक पाते दर्शक फूले नहीं समाते हैं। मयंक के पिता बीएनपी में कर्मचारी हैं। इस उपलब्धि के लिए मयंक व उनका परिवार मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान एवं खेल एवं युवा कल्याण विभाग की मंत्री तथा जिले की प्रभारी मंत्री यशोधराजे सिंधिया का आभार व्यक्त कर धन्यवाद दे रहे हैं।
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