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Rajasthan में अगला CM अपने समाज का बनाने के लिए जाटों ने सभी राजनीतिक दलों पर बनाया दबाव

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जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में रविवार को जाट महाकुंभ का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में राजस्थान के विभिन्न राजनीतिक दलों के जाट नेताओं ने तो हिस्सा लिया ही साथ ही आसपास के प्रदेशों से भी जाट नेता उपस्थित हुए और समुदाय को बेहतर राजनीतिक प्रतिनिधित्व देने की मांग की गयी।

राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। उससे पहले विभिन्न सामाजिक संगठन अपने अपने समाज को एकजुट करने, राजनीतिक पार्टियों पर दबाव बनाने और अपने समाज के लिए कुछ बेहतर मांगें रखने में जुट गये हैं। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आयेंगे, यह सिलसिला और आगे बढ़ता ही रहेगा। फिलहाल विधानसभा चुनावों से पहले जयपुर में आयोजित ‘जाट महाकुंभ’ से सभी राजनीतिक दलों को संदेश दिया गया है कि प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री जाट समुदाय से होना चाहिए।

हम आपको बता दें कि जाट महाकुंभ में समुदाय को बेहतर राजनीतिक प्रतिनिधित्व, जातिगत जनगणना, ओबीसी के लिए आरक्षण बढ़ाने तथा प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री समुदाय से बनाने की मांग की गई। ‘जाट महाकुंभ’ को संबोधित करते हुए राजस्थान जाट महासभा के प्रमुख राजा राम मील ने राज्य में जातीय आधार पर जनगणना की मांग की और कहा, ‘‘राजनीति में जाट समाज के नेताओं की भागीदारी बढ़ायी जानी चाहिए।” उन्होंने कहा कि केंद्र में दो मंत्री हैं लेकिन दोनों राज्य मंत्री हैं। सरकार गलत तरीके से हमारी ताकत का आकलन कर रही है।’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘राजस्थान में जाट समुदाय की आबादी 22 प्रतिशत और ओबीसी आबादी 55 प्रतिशत है। ऐसे में ओबीसी आरक्षण को राजस्थान में 21 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दिया जाना चाहिए।’’

हम आपको बता दें कि जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में ‘जाट महाकुंभ’ का आयोजन किया गया था। इस महाकुंभ को किसान नेता राकेश टिकैत ने भी संबोधित किया। उन्होंने किसानों को केन्द्र सरकार द्वारा 10 साल से अधिक पुराने ट्रैक्टरों पर प्रतिबंध लगाने की नीति के विरोध में अगले आंदोलन के लिए तैयार रहने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, ‘‘किसान तैयार रहें। एक आंदोलन देश में फिर करना पड़ेगा और उसके लिये भी तैयारी रखना क्योंकि किसानों का दस साल पुराना ट्रैक्टर बंद होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘राजस्थान में समाज के लोग ही उस मोर्चे को संभालने का काम करेंगे.. और वो मोर्चा किसानों का भी होगा और समाज का भी होगा। सरकार कोई भी हो.. चाहे वो राज्य की सरकार हो या केंद्र की सरकार हो हम किसी पार्टी के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन अगर सरकारों की नीतियां गलत होंगी तो फिर आंदोलन होगा।’’

हम आपको यह भी बता दें कि जाट महाकुंभ में कांग्रेस और भाजपा के जाट नेताओं ने भी हिस्सा लिया। इस आयोजन में केन्द्रीय मंत्री कैलाश चौधरी, भाजपा सांसद सुमेधानंद, दुष्यंत सिंह, राजस्थान मंत्रिपरिषद के मंत्रियों, भाजपा और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सहित किसान नेताओं और पड़ोसी राज्यों से आये जाट नेताओं ने महाकुंभ में मंच साझा किया और समाज के लिये हर संभव मदद का आश्वासन दिया।

महाकुंभ को संबोधित करते हुए राजस्थान विधानसभा के विपक्ष के पूर्व नेता रामेश्वर डूडी ने इस दौरान कहा, ‘‘राज्य का अगला मुख्यमंत्री किसान का बेटा, जाट का बेटा होना चाहिए।” उन्होंने कहा, ‘‘समुदाय हमेशा नंबर एक सीट के बारे में सोचता है। नंबर एक सीट कौन सी है? नंबर एक सीट मुख्यमंत्री की है। राजनीति में लोग इसे बोलने से डरते हैं, लेकिन रामेश्वर डूडी डरते नहीं हैं। आज मैं मांग करता हूं कि राजस्थान के आने वाले मुख्यमंत्री एक किसान का बेटा, एक जाट का बेटा होना चाहिए।”

उधर, कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा, ‘‘मैं जिस भी क्षमता में हूं, मेरी पार्टी का नेता और यहां तक कि मेरी पार्टी की विचारधारा से ऊपर उठने के बाद भी, मैं पहले समुदाय से जुड़ा हूं।’’ उन्होंने सुझाव दिया कि दो बातों को ध्यान में रखा जाना चाहिए- किसी भी अन्य समाज के खिलाफ एक भी गलत शब्द न बोले; और दूसरा, अगर हम किसी की मदद कर रहे हैं, तो इसे चुपचाप करें।

दूसरी ओर, इस अवसर पर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि जाट जो गाँव में सामाजिक सद्भाव, कड़ी मेहनत, ईमानदारी और देशभक्ति के लिए जाना जाता है- यह हमारा चरित्र और शक्ति है। उन्होंने कहा, ‘‘यही कारण है कि सभी समुदाय पंचायती राज चुनावों में हमारे साथ खड़े होते थे, लेकिन अब विभाजन को बनाने के प्रयास किए जाते हैं। हमें समय की नजाकत को समझने और अपनी बुद्धिमत्ता का उपयोग करने की आवश्यकता है।’’

वहीं, जाट महाकुंभ को संबोधित करते हुए केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा, ‘‘आज जब अगर कोई देखता कि किसी देश की सीमा पर अगर रक्षा करने के लिये कोई खडा है तो वहां पर भी हमारा जाट दिखाई देता है और अगर कोई खेल के मैदान में स्वर्ण पदक लेकर आता है तो उसमें में भी नाम आता है तो जाट के और किसान के बेटे का नाम आता है।’’ 

उल्लेखनीय है कि जाट महाकुंभ के अवसर पर राजस्थान के मंत्री विश्वेन्द्र सिंह, हेमाराम चौधरी, लालचंद कटारिया, कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी, कृष्णा पूनियां, पूर्व सांसद संतोष अहलावत, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुमित्रा सिंह, सहित किसान और जाट नेता उपस्थित थे।

-गौतम मोरारका

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