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Sariska Tiger Reserve में अब बाघों के साथ रीछों को भी किया जाएगा शामिल

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भालू मुख्य रूप से जालोर में सुंधा माता वन क्षेत्र और माउंट आबू में मिलते हैं। रिजर्व की जैव विविधता को बढ़ाने के लिए स्लॉथ भालुओं के जोड़े को सरिस्का में स्थानांतरित किया जा रहा है। स्लॉथ भालू (रीछ) पश्चिमी भारत के अर्ध-शुष्क क्षेत्र की पहाड़ियों और पहाड़ों में पाए जाने वाले भालू की एक प्रमुख प्रजाति है।

जयपुर। राजस्थान में स्थित सरिस्का बाध रिजर्व पिछले डेढ दशकों में बाघों की आबादी को सफलतापूर्वक बढ़ाने के बाद अब अपने वन क्षेत्र में जैवविविधता को बढ़ाने का प्रयास कर रहा है। इस दिशा में रिजर्व ने आने वाले दिनों में स्लॉथ बीयर (रीछ, भालू की प्रजाति) को वन क्षेत्र में शामिल करने क निर्णय लिया है।
रिजर्व के अधिकारियों ने बताया कि अगले कुछ दिनों में सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान, जालोर जिले के सुंधा माता वन क्षेत्र से लाए गए दो जोड़े रीछों का नया घर होगा।
सरिस्का बाघ परियोजना के क्षेत्रीय निदेशक रूप नारायण मीणा ने बताया, ‘‘हमें दो जोड़े स्लॉथ भालुओं (रीछ) को सारिका में स्थानांतरित करने की अनुमति मिल गई है। उनके पुनर्वास में मदद के लिए टीम बनायी गयी है।’’

उन्होंने कहा कि भालू मुख्य रूप से जालोर में सुंधा माता वन क्षेत्र और माउंट आबू में मिलते हैं।
उन्होंने कहा, रिजर्व की जैव विविधता को बढ़ाने के लिए स्लॉथ भालुओं के जोड़े को सरिस्का में स्थानांतरित किया जा रहा है।’’
स्लॉथ भालू (रीछ) पश्चिमी भारत के अर्ध-शुष्क क्षेत्र की पहाड़ियों और पहाड़ों में पाए जाने वाले भालू की एक प्रमुख प्रजाति है। इसे ‘इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर’ द्वारा संवेदनशील (जो भविष्य में लुप्त हो सकते हैं) श्रेणी में सूचीबद्ध किया गया है।

सरिस्का बाघ रिजर्व बाघों के पुनर्वास कार्यक्रम की सफलता के लिए जाना जाता है। 2005 में सरिस्का में सभी बाघों के गायब होने के बाद, 2008 में पुनर्वास कार्यक्रम शुरू किया गया, जिसके तहत रणथंभौर बाघ अभयारण्य से दो बाघो को यहां लाया गया था।
कार्यक्रम सफल रहा और रिजर्व में अब बाघों की संख्या बढ़कर 27 हो गयी है। इनमें 13 बाघिन, आठ बाघ और छह शावक हैं।
बाघों के अलावा सरिस्का में तेंदुआ, लकड़बग्घा, सियार, जंगली बिल्ली, बिल्लियों की अन्य प्रजातियां, भोडिया, सांभर, चितल, जंगली भालू सहित अन्य कई वन्य जीव हैं।

Disclaimer:प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।



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