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औरंगाबाद: शहर के आए दिन विस्तार के चलते प्रथम दो फेज में शेन्द्रा से रेलवे स्टेशन और रेलवे स्टेशन से हर्सूल तक महामेट्रो (Mahametro) चलाने के अलावा शेन्द्रा से वालूज तक एक फ्लाईओवर ब्रिज (Flyover Bridge) के निर्माण के लिए 8 हजार 237 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इन दोनों प्रकल्पों का डीपीआर तैयार (DPR Ready) हो चुका है। जल्द ही यह डीपीआर केन्द्र सरकार के समक्ष पेश कर निधि पाने के लिए कवायद शुरु होगी। दोनों प्रकल्पों का भूमिपुजन मार्च 2024 से पूर्व करने के लिए केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री डॉ. भागवत कराड ने प्रयास तेज किए है।
शनिवार को केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री डॉ. भागवत कराड और राज्य के सहकारिता मंत्री अतुल सावे के प्रमुख उपस्थिति में इन प्रकल्पों के निर्माण पर चर्चा करने के लिए एक बैठक शहर के स्मार्ट सिटी कार्यालय में संपन्न हुई। बैठक के लिए नागपुर से आए महामेट्रो के अधिकारियों ने शहर सहित परिसर के इलाके में महामेट्रो शुरु करने के लिए एक प्रेजेंटेशन पेश किया। इसमें प्रथम दो फेज में शेन्द्रा से शहर के क्रांति चौक होते हुए रेलवे स्टेशन और रेलवे स्टेशन से महावीर चौक, मिल कॉर्नर, भडकल गेट, रंगीन दरवाजा जिलाधिकारी कार्यालय, गणेश कालोनी होते हुए हर्सूल तक महामेट्रो चलाना शामिल है।
दिल्ली में बैठक कर रुकावट को दूर किया जाएगा
इस पर बैठक में हुई चर्चा में केन्द्रीय मंत्री डॉ. कराड ने रंगीन दरवाजे से दिल्ली गेट होते हुए हर्सूल तक महामेट्रो चलाने का सुझाव दिया। इस पर महामेट्रो के अधिकारियों ने शहर के ऐतिहासिक दरवाजों के उपर से महामेट्रो चलाने के लिए पुरातत्व विभाग की एनओसी होने की जानकारी दी। इस पर डॉ. कराड ने आश्वासन दिया कि जल्द ही दिल्ली में पुरातत्व विभाग, हवाई अड्डा प्राधिकरण, नेशनल हाइवे के अधिकारियों के साथ बैठक कर शहर में महामेट्रो के लिए आनेवाली सारे अड़चनों को दूर किया जाएगा।
महामेट्रो पर खर्च होंगे 4 हजार 500 करोड़
शहर के विस्तार के चलते महामेट्रो आज की जरुरत होने पर डॉ. कराड ने बल देकर उसके लिए खर्च होनेवाला निधि केन्द्र सरकार से जल्द से जल्द उपलब्ध कराने का आश्वासन भी दिया। उन्होंने महामेट्रो के अधिकारियों को निर्देश दिया कि महामेट्रो का डीपीआर का प्रेजेंटेशन जल्द केन्द्र सरकार के समक्ष पेश करने के लिए बैठक ली जाएगी, ताकि जल्द से जल्द इस प्रोजेक्ट का भूमिपुजन किया जा सकें। डॉ. कराड ने बताया कि हाल ही में केन्द्र सरकार ने बजट पेश किया। सप्लीमेंट्री मांगों में इन कामों को शामिल कर सरकार से निधि उपलब्ध कराने के लिए मैं खुद प्रयास कर जल्द से जल्द निधि उपलब्ध कराऊंगा।
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महामेट्रो के डिपो के लिए सुझाए गए कुछ स्थान
महामेट्रो के अधिकारियों ने महामेट्रो शुरु होने के बाद उसके मरम्मत के लिए जरुरी डिपो के निर्माण के लिए कुछ स्थान सुझाए गए हैं। जिसमें हर्सूल टी पॉईंट परिसर में सिडको और हर्सूल जेल की स्थित जमीन, हर्सूल परिसर में स्थित पशु संवर्धन विभाग की जमीन, सुंदरवाडी, चिकलथाना परिसर की साप्ताहिक बाजार की जमीन, मिल कॉर्नर पर स्थित टेक्सटाइल की जमीन को बताया गया है। इस पर डॉ. कराड ने हर्सूल में स्थित पशुसंवर्धन विभाग की जमीन पाने के लिए राज्य सरकार के संबंधित विभाग के मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल के साथ चर्चा कर उक्त जमीन महामेट्रो के डिपो के लिए उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया।
शेन्द्रा से वालूज तक ब्रिज के लिए खर्च होंगे 3,737 करोड़
बैठक में उपस्थित राष्ट्रीय महामार्ग के अधिकारियों ने शेन्द्रा से वालूज तक फ्लाईओवर ब्रिज के निर्माण की विस्तृत जानकारी दी। उक्त विभाग के अधिकारियों ने बताया कि शेन्द्रा से वालूज तक का फ्लाईओवर ब्रिज 28 किलोमीटर का होगा। इसमें सिर्फ चार किलोमीटर में छावनी क्षेत्र हैं। इस क्षेत्र में फ्लाईओवर ब्रिज नहीं रहेगा। वहां नीचे के रास्ते वाहनों की आवाजाही होगी। छावनी क्षेत्र के बाद फिर फ्लाईओवर ब्रिज शुरु होकर वालूज में खत्म होगा। इस फ्लाईओवर ब्रिज के दरमियान औरंगाबादवासी 18 स्थानों से अप एंड डाउन कर सकेंगे। सारी स्थिति को जानने के बाद डॉ. कराड ने जल्द ही दिल्ली में केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के उपस्थिति में एक बैठक आयोजित कर महामेट्रो और शेन्द्रा से वालूज तक एक फ्लाईओवर ब्रिज के निर्माण के लिए आनेवाली समस्याओं का हल निकालने का आश्वासन दिया। उन्होंने महामेट्रो और राष्ट्रीय महामार्ग के अधिकारियों से साफ कहा कि इन दोनों प्रकल्पों का डीपीआर सहित सभी कार्य जल्द पूरे किए जाएं, हमें किसी भी हालत में 2024 में इन दोनों प्रकल्पों का भूमिपुजन करना है। बैठक में जिलाधिकारी आस्तिक कुमार पांडेय, औरंगाबाद महानगरपालिका कमिश्नर डॉ. अभिजीत चौधरी, हवाई अड्डा प्राधिकरण के स्थानीय अधिकारी, राष्ट्रीय महामार्ग के अधिकारी, महामेट्रो के अधिकारी उपस्थित थे।
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