- संविधान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में प्राचार्य परसराम पिंडोरिया किया संबोधित
बेहरी (हीरालाल गोस्वामी)। पूरे विश्व में भारत का संविधान ही एकमात्र ऐसा संविधान है, जो हस्तलिखित व चित्रात्मक है। यह इसे अनूठा व विशिष्ट बनाता है। हमारा संविधान ही हमारा स्वाभिमान है। हमें गर्व होना चाहिए कि हम विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के नागरिक हैं।
यह बात शासकीय माध्यमिक विद्यालय कामठखेड़ा में संविधान दिवस पर आयोजित व्याख्यानमाला में बच्चों को संबोधित करते हुए संस्था प्राचार्य परसराम पिंडोरिया ने कही। इसके पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ संविधान निर्माता डाॅ. भीमराव अम्बेडकर के चित्र का पूजन कर हुआ। इसके बाद कक्षा आठवीं की बालिकाओं ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।
वरिष्ठ शिक्षक ओमप्रकाश यादव ने कहा संविधान में चित्रित चित्र हमारी सभ्यता, संस्कृति को परिलक्षित करते हैं। अश्व का चित्र गति का, बाघ हमारी संप्रभुता का, मोर ऐश्वर्य का, कमल नवसृजन का प्रतीक है। संविधान के सबसे पहले पृष्ठ पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का चित्र अंकित है जो मर्यादा, त्याग, समानता व सद्भाव का प्रतीक है।
शिक्षक गुलाब वास्केल ने कहा हमें संवैधानिक दायित्वों व कर्तव्यों का पालन प्रतिबद्धता से करना चाहिए। प्राथमिक शिक्षक देवकरण चौहान, छात्रावास संचालिका ललिता पाटीदार, मंजू वास्केल, अनिता शुक्ला ने बच्चों को संविधान संबंधी जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन राजेश तंवर ने किया व आभार प्रेमनारायण पाटीदार ने माना।
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