नेमावर (संतोष शर्मा)। चैत्र माह की बड़ी सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या पर्व पर हजारों नर्मदा भक्तों ने पवित्र नर्मदा के जल में आस्था की डुबकी लगाई एवं अपने पितृों को जल अंजलि देकर उनके मोक्ष की कामना के साथ श्रद्धा तर्पण किया। इस बड़ी महत्व वाली चैत्र अमावस्या पर्व पर स्नान के लिए एकादशी पर्व से प्रदेश के दूर-दराज ग्रामीण अंचल के साथ प्रदेश के बाहर राजस्थान, महाराष्ट्र प्रांत के हजारों भक्त अपने निजी वाहनों से नर्मदा के नाभि तीर्थ पर एकत्र हुए। ये लोग नर्मदा के पवित्र 5 घाटों पर स्नान का संकल्प लेकर निकलते हैं, जो नेमावर नाभि तीर्थ, आवलीघाट, धाराजी, मंडलेश्वर, ओंकारेश्वर आदि पवित्र घाट पर स्नान कर अपने पितृों का तर्पण के साथ शरीर में आने वाली पवित्र आत्माओं, देवताओं को स्नान कराकर होमग्यारी कर उनका चोला शुद्धि करते हैं। इन पांच दिनों में करीब 2 लाख भक्तों ने नर्मदा स्नान का पुण्य लाभ लेकर नाभि तीर्थ पर विराजित भगवान सिद्धनाथ, गणेश, ऋणमुक्तेश्वर तथा भगवान पिंगलेश्वर का जलाभिषेक किया। भारतीय नववर्ष की पवित्र वैला में सुख, आरोग्य की कामना कर तट पर बैठे अनाथों, गरीबों व परिक्रमावासियों को अन्न, वस्त्र, भोजन का दान कर पुण्य लाभ अर्जित किया।
इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक आशीष शर्मा के सानिध्य में भोजन भंडारा प्रसादी का आयोजन भी सतत चला। हजारों भक्तों ने इस भंडारे में भोजन प्रसादी ग्रहण की। 15 टीआई, 5 एसडीओपी तथा एडिशनल एसपी ने घाटों व मेला क्षेत्र में तैनात 300 जवानों के साथ सुरक्षा की व्यवस्था संभाल रखी थी। एसडीएम खातेगांव, तहसीलदार एवं पटवारियों सहित राजस्व टीम ने मोर्चा संभालकर अपनी सेवा दी। नगर परिषद नेमावर के सीएमओ अनिल जोशी ने अपनी परिषद की टीम के साथ घाटों पर साफ-सफाई, मेला क्षेत्र में जगह-जगह पेयजल हेतु पानी के टैंकर की व्यवस्था, रात्रि में विद्युत कंपनी के साथ प्रकाश की व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग किया। इस बार भक्तों के दर्शन के लिए मंदिर परिसर में प्रशासन ने धूप से बचाव हेतु परिक्रमा मार्ग पर कालीन बिछाया जाकर टैंट की व्यवस्थाएं की। लोगों ने इस व्यवस्था के लिए एसडीएम त्रिलोचन गौड़ व तहसीलदार खातेगांव की सराहना की। स्मरणीय है गत दो वर्षों से यह मेला कोरोना की वजह से स्थगित था, जो इस बार अपने पूरे शबाब के साथ लगा।
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