-ग्रिडों पर केपिसिटर बैंक लगाने से आया व्यापक बदलाव
– न तो मोटरें जल रही, न हीं टूट रहा सिंचाई का पानी
इंदौर। जिले के सुपर कॉरिडोर के आसपास का क्षेत्र हो या बायपास से लगे खेत, दूधिया, पालिया, देपालपुर, गौतमपुरा, कड़ौदा हो या फिर महू के हासलपुर, मानपुर क्षेत्र के किसान सभी को सिंचाई के लिए गुणवत्ता के साथ बिजली मिल रही है।
यह सब हुआ है शासन की रिवेम्प्ड डिस्ट्रिब्यूशन सेक्टर स्कीम(आरडीएसएस) के अंतर्गत लगे केपिसिटर बैंक लगने के बाद। 33/11 केवी के ग्रिडों पर सिंचाई सुविधा को और बेहतर बनाने, सही वोल्टेज के साथ हर खेत, कुएं, नलकूप तक बिजली प्रवाह करने के लिए केपिसिटर बैंक लगाए गए हैं। इससे इंदौर के ग्रामीण क्षेत्र के किसानों को अच्छी बिजली मिलने से पर्याप्त फसल मिलने की स्थिति बनी है।
मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर के ग्रामीण वृत्त अधीक्षण यंत्री डॉ. डीएन शर्मा ने बताया कि क्षेत्र में 102 ग्रिडों में केपिसिटर बैंक लगाकर योजना का शत प्रतिशत क्रियान्वयन कर दिया गया हैं। कंपनी की प्रबंध निदेशक रजनी सिंह के निर्देश एवं आरडीएसएस प्रभारी एसएल करवाड़िया के मार्गदर्शन में टीम भेजकर समय पर अत्याधुनिक केपिसिटर बैंक की ग्रिडों पर स्थापना की गई, ताकि समय पर योजना लाभ किसानों मिल सके।
अधीक्षण यंत्री डॉ. शर्मा ने बताया कि एक ओर जहां ग्रिडों पर केपिसिटर बैंक लगने से संबंधित फीडर के दूरस्थ किसानों को गुणवत्ता के साथ बिजली उनके खेत, नलकूप, कुएं तक मिल रही है। इससे जहां मोटर पंप उच्च क्षमता के साथ चलकर भरपूर पानी दे रहे हैं, वहीं गुणवत्ता के साथ बिजली अंतिम छोर तक मिलने से मोटर पंप खराब होने की नौबत नहीं आ रही है। वहीं वोल्टेज सही मिलने से कुल बिजली खपत संतुलित हो रही है। ऐसे में ग्रिडों पर अतिरिक्त बिजली खपत की नौबत नहीं आ रही है।
अधीक्षण यंत्री ने बताया कि वोल्टेज सही नहीं मिलने पर रिएक्टिव पावर की स्थित बढ़ने से लोड खपत बढ़ जाती हैं, ऐसे में कंपनी की कुल बिजली खपत ज्यादा होने से वित्तीय नुकसान होने की स्थिति आने का अंदेशा होता था, केपिसिटर बैंकों की स्थापना के बाद यह खतरा दूर हो गया है। अधीक्षण यंत्री ने बताया कि वृत्त अंतर्गत चारों डिविजन क्षेत्रों में केपिसिटर बैंकों की स्थापना की गई हैं। सभी जगह किसानों से फीडबैक भी लिया गया।
किसानों में छाया हर्ष-
आलू की फसल लगाई थी, समय पर सिंचाई हुई, वोल्टेज की समस्या भी नहीं आने से फसल अच्छी हुई। आलू की फसल निकालकर अच्छे रेट पर बेच दी है। अभी प्याज लगाए हैं, जो दो से तीन माह में आ जाएंगे।- भरतलाल शर्मा, कृषक महू ग्रामीण क्षेत्र
गेंहू और चने की फसल लगाई हैं, वोल्टेज ठीक मिल रहा है। बिजली बार-बार बंद होने से भी मुक्ति मिल गई हैं, ऐसे में मोटर का पानी नहीं टूट रहा है। सिंचाई समय पर होने से फसल के दाने अच्छे भरा रहे हैं।- रामलाल पाटीदार, किसान नेमावर रोड इंदौर
मटर, लहसून, प्याज, गेंहू, चने, टमाटर इत्यादि काफी मात्रा में किसानों ने लगाए हैं। सभी की सिंचाई समय पर हो रही है। बिजली प्रदाय संबंधित कोई शिकायत की स्थिति अभी तक नहीं आई है।-महेंद्र पटेल, किसान देपालपुर
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