उज्जैन। मध्यप्रदेश राज्य आपदा प्राधिकरण गृह विभाग द्वारा शीत लहर (शीतघात) से जनमानस, पशुधन एवं कृषि (पेड़-पौधे) के संरक्षण/बचाव हेतु एडवायजरी जारी की गई है।
इसके अनुसार शीत लहर के दौरान सर्दियों के कपड़े पर्याप्त मात्रा में रखें। कपड़ों की कई परतें पहनना भी लाभदायक रहता है। आपातकालीन आपूर्तियों के लिए सभी सामान तैयार रखे।
शीतलहर के दौरान जितना संभव हो, घर के अंदर रहें। ठंडी हवा से बचने के लिए कम से कम यात्रा करें। अपने शरीर को सुखाकर रखें। यदि कपड़े गीले हो जाए तो उन्हें तुरंत बदले इससे शरीर की उष्मा बनी रहेगी। मौसम की ताजा जानकारी के लिए रेडियो सुनें, टीवी देंखे, समाचार पत्र पढ़े। नियमित रूप से गर्म पेय पिएं। बुजुर्गों और बच्चों का ख्याल रखें। शीतदंश के लक्षणों जैसे उंगलियों, पैर की उंगलियों, कानों की लोब और नाक की नोक पर सुन्नता, सफेदी या पीलेपन के प्रति सजग रहें। शीतदंश से प्रभावित हिस्से की मालिश न करें इससे अधिक नुकसान हो सकता है। शीतदंश से प्रभावित शरीर के हिस्सों को गुनगुने पानी में डालें। कंपकपी को नजरअंदाज न करें यह महत्वपूर्ण अग्रिम संकेत है कि शरीर गर्मी खो रहा है। कंपकंपी महसूस होने पर तुरंत घर लौटें।
हाइपोथर्मिया के मामले में व्यक्ति को गर्म स्थान पर ले जाएं और कपड़े बदल दें। व्यक्ति के शरीर को सूखे कंबलों, कपड़ों, तौलियों या चादरों से गर्मी दें। शरीर के तापमान को बढ़ाने में मदद करने के लिए गर्म पेय पिलाएं, लेकिन मादक पेय न दें। जितनी जल्दी हो सके, व्यक्ति को उचित चिकित्सा उपलब्ध कराएं।
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