- जरा सी असावधानी से हो सकता है बड़ा नुकसान
सोलर सिस्टम लगाने के बाद उसकी सफाई करना सबसे बड़ा टास्क होता है। अगर समय-समय पर पैनल को साफ नहीं किया तो धूल-मिट्टी जमने से उसकी क्रियाशीलता में कमी आ जाती है। धूल-मिट्टी जमने से निर्धारित बिजली यूनिट नहीं बनती। ऐसे में सोलर पैनल की सफाई बहुत ही आवश्यक है। अगर आप सोलर पैनल की सफाई करते हैं तो कुछ जरूरी बातों का ध्यान अवश्य रखें।
आमतौर पर जितने भी सोलर संयंत्र लगाए जा रहे हैं, उनमें सभी विक्रेता आश्वासन देते हैं कि सोलर संयंत्र से 25 साल तक बिजली पैदा होगी। विक्रेता संयंत्र के रखरखाव की पांच साल तक की जिम्मेदारी लेते हैं। बाद में वार्षिक अनुबंध भी कर सकते हैं।
सोलर पैनलों की साफ-सफाई सप्ताह में एक बार अवश्य करनी चाहिए। धूल जम जाने से बिजली का उत्पादन प्रभावित हो सकता है। पाइप से तेज पानी की धार से पैनल को साफ करना चाहिए। यदि हाथ से साफ कर रहे हैं तो हाथ में अंगूठी अथवा कड़ा नहीं पहनना चाहिए। अंगूठी या कड़े से खरोंच आ सकती है, जिससे पैनल खराब हो सकता है।
यदि कपड़े से साफ कर रहे हैं तो ध्यान रखें कि कपड़े में कोई कंकड़ या रगड़ करने वाली वस्तु न हो। प्लास्टिक फाइबर के वाइपर से सफाई करने से बचना चाहिए क्योंकि फाइबर सख्त होता है, जिससे पैनल पर रगड़ आने से खराब होने की संभावना होती है। पैनल को कभी भी गरम पानी से साफ नहीं करना चाहिए। पैनल साफ करने का सबसे उपयुक्त समय प्रात: जल्दी और शाम को सूरज ढलने के बाद ही रहता है।
इस प्रकार से सफाई होने पर रूफ टाप सोलर संयंत्र पर होने वाले खर्च का समायोजन करीब-करीब पांच साल में हो जाता है। उसके बाद अगले 20 से अधिक वर्षों तक बिजली के बिल से राहत मिलती है। केवल बिजली कंपनी द्वारा निर्धारित तय (फिक्स्ड) राशि और अधिक उपयोग की गई बिजली का ही भुगतान करना होगा।
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