पुलिस ने किया गोदना डकैती कांड का खुलासा

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  • बदमाशों ने टीम बनाकर घटना को दिया था अंजाम
  • 6 आरोपितों को किया गिरफतार, डकैती का माल किया जब्त
  • शेष फरार आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए की गई टीम गठित

कांटाफोड़ (पवन उपाध्याय)। पिछले दिनों कांटाफोड़ थाना अंतर्गत ग्राम गोदना में एक घर में बदमाशों ने रात में घुसकर लूटपाट की थी। लूटपाट के साथ ही घर के सदस्यों के साथ जमकर मारपीट की थी। इस मामले में पुलिस को सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने इस घटना में शामिल 6 बदमाशों को पकड़ने में सफला हासिल की है। साथ ही डकैती का माल भी जब्त किया है।

पुलिस के अनुसार 10 अक्टूबर को गोदना निवासी फरियादी संतोष पिता हरिप्रसाद राठौर से सूचना मिली थी। फरियादी ने बताया था कि रात के 1 से 1.30 बजे के बीच मेरे घर के मेन गेट का दरवाजा तोड़ने की आवाज आई। मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि 5 बदमाश मेरे पलंग के पास डंडा, पत्थर लेकर खड़े हैं। उन्होंने मेरे साथ मारपीट करना चालू कर दिया, जिससे मुझे बहुत अधिक चोटे आई। पत्नी एवं मां के साथ भी मारपीट की गई। इनके 3 से 4 साथियों ने बाहर से पत्थर फेंककर मारना प्रारंभ कर दिया। बदमाश घर का गेट खोलकर अंदर घुसे तथा अंदर का सामान इधर-उधर फेंकने लगे। घर में पलंग पेटी तथा आलमारी में रखे हुए नगदी तथा सोने चांदी के जेवरात लूटकर ले गए।

फरियादी की सूचना पर थाना कांटाफोड़ में प्रकरण पंजीबद्व कर विवेचना में लिया गया। घटना की गंभीरता को देखते हुए आरोपितों को शीघ्र ही तलाश करने के लिए पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय ने अलग-अलग टीम गठित करने हेतु निर्देशन प्राप्त हुए। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कन्नौद आकाश भूरिया, एसडीओपी अनुभाग बागली श्रृष्टि भार्गव के निर्देशन में अलग-अलग टीमें गठित कर रवाना की गई।

मौके पर एफएसएल फिंगरप्रिंट की टीम, सायबर सेल की टीम पहुंची। गठित टीम ने अलग-अलग गांवों में जानकारी लेने पर ग्राम जिनवानी से अारोपितों की हलचल होना पता चला। सीसीटीवी कैमरे चेक किए गए। जिसमें आए संदेही के संबंध में फरियादी से तस्दीक कराते घटना करने वाले आरोपितों के होने की पुष्टि की गई। पुलिस ने आरोपितों की तलाश हेतु मुखबिरों को सक्रिय किया। तकनीकी साधनों का सहारा लिया गया।

पुलिस को घटना दिनांक के दो दिन पूर्व एवं घटना दिनांक को टांडा धार के कुछ लोगों का मूमेंट होने की जानकारी प्राप्त हुई। तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर संदेही शंकर पिता पानसिंह मिनावा उम्र-35 साल निवासी ग्राम आरिया हाल श्याम नगर चापड़ा को पुलिस अभिरक्षा में लेकर पूछताछ की। शुरुआत में तो वह लगातार पुलिस को गुमराह करता रहा, लेकिन बाद में मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ करने पर शंकर ने बताया कि उसके समाज का दिनेश भील निवासी नीमगोआ, संतोष नायक नीमगोआ को मेरे पास लाया था। उसने मुझे ग्राम गोदना में संतोष राठौर के यहां 30-35 लाख नगदी, चांदी तथा सोना रखा होने की जानकारी दी। जिसकी जानकारी मैंने अपने परिचित मेरे छोटे भाई के काका ससुर के लड़के दिनेश सिंगार निवासी खेलदी टांडा को दी। चोरी करने के लिए टीम तैयार करने काे कहा। अपने परिचित मनू भील निवासी चांसिया हाटपिपल्या को संतोष नायक के पास बागली भेजा, जहां पर दिलीप सिंगार से इन दोनों की मुलाकात हुई। जिन लोगों ने रैकी करने के बाद घटना को अंजाम दिया गया है।

पुलिस ने शंकर के बताए अनुसार मनू पिता मलसिंह उम्र-35 साल निवासी ग्राम चांसिया थाना हाटपिपल्या को उसके घर से पकड़कर अभिरक्षा में लेकर पूछताछ करने पर उसके द्वारा दिलीप सिंगार एवं उसके एक अन्य साथी के साथ घटना से एक दिन पूर्व 8 अक्टूबर को ग्राम गोदना में रैकी करना स्वीकार किया गया। बाद में आरोपी दिनेश पिता भैरवसिंह देवड़ा उम्र-55 साल निवासी ग्राम नीमगोया को अभिरक्षा में लिया गया, जिसने चोरी के काम के लिये संतोष नायक को शंकर से मिलवाने की बात कबूल की। बाद में संतोष पिता करतार सिंह नायक उम्र-24 साल निवासी ग्राम निमगोया थाना बागली को पुलिस अभिरक्षा में लिया गया, जिसने बताया कि उसके परिचित अजय पिता इंदरसिंह राठौर निवासी फारेस्ट कालोनी बागली के द्वारा अपने जीजा सुरेश टोटा निवासी ग्राम गोदना से मिलवाया गया, जिसने बताया था कि ग्राम गोदना के संतोष राठौर के यहां करीबन 30-35 लाख रुपए नगदी जो जमीन बेचने में उसे मिले है, इसके साथ ही सोने तथा चांदी की रकम रखी हुई है। टीम बनाकर चोरी कर लो। इसके बदले सुरेश टोटा ने फोन पे पर पैसे भी दिए। 10 अक्टूबर को दिलीप सिंगार और उसके अन्य साथियों के साथ हमने संतोष राठौर के घर पर हमला कर उसके साथ मारपीट की। कुछ लोग अंदर उसके घर में घुसे तथा कुछ लोग बाहर खड़े होकर पत्थरबाजी करते रहे।

पहले करते थे साथ में पार्टनशिप-

बाद में आरोपित सुरेशचंद्र पिता दुर्जन सिंह टोटा निवासी ग्राम गोदना को पुलिस अभिरक्षा में लेकर पूछताछ करने पर उसके द्वारा बताया गया कि संतोष राठौर से कुछ साल पहले उसकी बहुत अच्छी दोस्ती थी। दोनों ने मिलकर पार्टनरशिप में ट्रैक्टर, जेसीबी मशीन खरीदी थी, लेकिन किस्त के पैसे संतोष राठौर द्वारा जमा नहीं किए जाने से मेरे ऊपर काफी कर्जा हो गया और संतोष राठौर ने अपनी आर्थिक स्थिति में बहुत ज्यादा सुधार कर लिया। मुझे उससे बदला लेना था जो मैं काफी लंबे समय से इस बात का इंतजार कर रहा था। मैंने अपने साले दिनेश को इस बारे में बताया, जिसने मुझे संतोष नायक से मिलवाया। उसे मैंने चोरी करने के लिये आदमी तलाशने का कहा था मैंने संतोष को एडवांस पैसे भी इस काम के लिए दिए थे।

उक्त सभी आरोपितों के कथनों के आधार पर

– शंकर पिता पानसिंह मिनावा उम्र- 35 साल निवासी ग्राम आरिया हाल श्याम नगर चापड़ा

– मनू पिता मलसिंह उम्र 35 साल निवासी ग्राम चांसिया थाना हाटपिपल्या

– संतोष पिता करतार सिंह नायक उम्र 24 साल निवासी ग्राम निमगोया थाना बागली

– अजय पिता इंदर सिंह राठौर निवासी फारेस्ट कालोनी बागली

– दिनेश पिता भैरवसिंह देवड़ा उम्र-55 साल निवासी ग्राम नीमगोया

– सुरेशचंद्र पिता दुर्जनसिंह टोटा निवासी ग्राम गोदना को गिरफ्तार किया गया।

आरोपितों से उनके हिस्से में आए रुपए जब्त किए गए तथा आरोपितों के विरूद्ध धारा 61 बीएनएस का इजाफा किया गया। प्रकरण के शेष अन्य फरार आरोपित दिलीप पिता जयराम सिंगार निवासी खेड़दी थाना टांडा धार व उसके अन्य साथियों की गिरफ्तारी के लिए पृथक-पृथक टीम गठित की गई है, जो शीघ्र ही आरोपियान की गिर की जाएगी। पुलिस अधीक्षक देवास द्वारा किये गये उक्त कार्य में निरीक्षक हिना डाबर थाना प्रभारी कांटाफोड, उप निरीक्षक विनयसिंह बघेल, सउनि सूबेदार यादव, प्रआर रामवीर सिंह सोलंकी, सुनील गोफनिया, अशोक शर्मा, सुरेश चरपोटा, धन्नालाल चौरे, सचिन चौहान सायबर सेल देवास, शिवप्रताप सिंह सेंगर सायबर सेल देवास, दिलीप बैंडवाल, संजय राजावत, आरक्षक भरत चरपोटा, प्रकाश सोलंकी, सैनिक अर्जुन की सराहनीय भूमिका रही। पुलिस अधीक्षक ने टीम को नगद पुरस्कार की घोषणा की है।

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