बुलंदी का बहुत अरमान है क्या, नजर दौड़ा परों में जान है क्या

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मुशायरा

  • मीना बाजार में हुए अखिल भारतीय मुशायरे में शायरों ने पेश किए कलाम

देवास। नगर निगम द्वारा 88वीं दशहरा कृषिकला एवं औद्योगिक प्रदर्शनी 2024 मीनाबजार के अंतर्गत अखिल भारतीय स्तर के मुशायरे का आयोजन किया गया। मुशायरे में शायरों ने अपने-अपने कलाम पेश किया।

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शायरों का स्वागत विधायक एवं महापौर प्रतिनिधि दुर्गेश अग्रवाल, पूर्व सभापति अंसार एहमद हाथीवाले, मुशायरा समिति अध्यक्ष मुस्तफा एहमद, पार्षद बाली घोसी, पार्षद प्रतिनिधि प्यारेमियां पठान, नितिन आहूजा, वसीम हुसैन आदि ने किया। शायरों ने अपने कलामों से उपस्थित श्रोताओं को देर रात तक बांधेे रखा।

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ताहिर फराज रामपुर ने कहा कि शाम ए गम तुझसे जो डर जाते हैं। शब गुजर जाए तो घर जाते हैं। अज्म शाकरी एटा ने कहा कि लाखों सदमे ढेरों गम, फिर भी नहीं हैं आखें नम। हाशिम फिरोजाबादी ने कहा कि जिनके हाथों से तिरंगा न संभाला जाए, ऐसे नेताओं को संसद से निकाला जाए।

सिकंदर हायात गड़बड़ रूकड़ी ने कहा कि हम उससे इश्क फरमाने गए तो बाप ने उसके हमारी टांग तोड़ी और हमारा सर मुढ़ाया है। हामिद भुसावली भूसावल ने कहा कि बुलंदी का बहुत अरमान है क्या, नजर दौड़ा परों में जान है क्या। डॉ. हिलाल बदायूंनी ने कहा जरूरत के सबब निकले हैं घर से, सभी की जी हुजूरी कर रहे हैं…, मुक्कदर में हमारे कब है बिस्तर सफर में नींद पूरी कर रहे है।

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इसी के साथ अनवर कमाल बिहार, वसीम राजुपुरी उप्र, ताहिर सऊद किरतपुर, टिपिकल जगदीयाली हैदराबाद, अलत्मश तालिब नांदेड़, ताहिर सऊद उप्र, जलीलुर्रहमान बुरहानपुर, रजा खतौलवी, जमील असगर, हनीफ राही, रानू रूही, अनीता मुकाती, नूर ढोलपुरी आदि ने अपने कलाम पढ़े। मुशायरा में बड़ी संख्या में श्रोता उपस्थित थे।

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