- श्रीमद भागवत कथा के दौरान स्नेहा किशोरी ने दिए प्रेरणादायी संदेश
बेहरी (हीरालाल गोस्वामी)। सनातन धर्म में रामायण एवं भागवत गीता महत्वपूर्ण ग्रंथ है। जब भी व्यक्ति भटकता है या परेशान रहता है तो इन ग्रंथों में लिखी बातें जीवन में लाते ही उसके दुख-दर्द दूर हो जाते हैं। रामलीला का मंचन रंगमंच के कलाकार करते अवश्य हैं, लेकिन वास्तव में रामायण पढ़ना सुखद अनुभव रहता है।
यादव धर्मशाला में चल रही श्रीमद भागवत कथा के तीसरे दिन यह प्रेरणादायी संदेश स्नेहा किशोरी ने दिया। उन्होंने कहा कि भागवत कथा में श्रीकृष्ण भगवान द्वारा रची गई लीला हमारे आस-पास सदैव रहती है। भाई-बंधु, नातेदार, रिश्तेदार सब उसी कृष्ण लीला के पात्र हैं, पर कृष्ण बनने के लिए त्याग एवं संयम कृष्ण जैसा होना चाहिए। कथा में जब स्नेहा किशोरीजी ने भजन सुनाए तो श्रद्धालु भाव-विभोर होकर नृत्य करने लगे। भगवान कृष्ण की भक्ति की गंगा पूरे पंडाल में प्रवाहित होने लगी। हर कोई भक्ति में लीन होकर राधे-कृष्ण का जप करने लगा। पूरा पंडाल ब्रज भूमि के समान हो गया। यहां कथा श्रवण के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन हुआ। गांव के कई परिवारों में कथा श्रवण के लिए मेहमान भी आए हुए हैं।
भागवत कथा में चौथे दिन श्रीकृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। जन्मोत्सव मनाने के लिए तैयारी की जा रही है। न केवल आयोजन समिति के सदस्य बल्कि ग्रामीण भी तैयारी में जुटे हैं। स्नेहा किशोरीजी ने कहा कि भागवत कथा में श्रीकृष्ण जन्माेत्सव का विशेष महत्व है। व्यक्ति को कभी भी अहंकार नहीं करना चाहिए। अहंकारी व अत्याचारी कंस का अंत भगवान श्रीकृष्ण ने किया। जब भी अन्याय व अत्याचार बढ़ते हैं, तब भगवान का अवतार होता है। भागवत कथा के दौरान आरती का लाभ अमृतलाल यादव, शेरा यादव, श्यामलाल यादव ने लिया। भागवत कथा परिसर में मावे के लड्डू का प्रसाद श्रद्धालु अमरसिंह यादव एवं राजेश यादव द्वारा वितरित किया गया।
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