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    अमलतास अस्पताल में बालिका की आंख से निकाली डेढ़ किलो की गठान

    ByNews Desk

    Apr 2, 2024
    amaltas hospital dewas
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    – आयुष्मान कार्ड नहीं होने से अस्पताल प्रबंधन ने मुफ्त इलाज किया
    – बड़े शहरों के अस्पतालों में भटककर निराश हो चुके थे परिजन

    देवास। अमलतास अस्पताल के सर्जन ने जटिल सर्जरी कर पांच वर्षीय बालिका की आंख से एक बड़ी गठान निकालने में सफलता हासिल की है। बालिका के परिजन लंबे समय से इलाज के लिए भटक रहे थे और कई बड़े-बड़े अस्पतालों में भी गए, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी थी। अमलतास अस्पताल प्रबंधन ने बालिका के परिवार की कमजोर वित्तीय स्थिति को देखते हुए मुफ्त इलाज किया।

    जानकारी के अनुसार नेमावर की इस बालिका की आंख में तीन साल से गठान थी। बालिका के परिजन उसे देश के तमाम बड़े शहरों इंदौर, अहमदाबाद सहित अन्य शहरों में इलाज के लिए ले गए। दिखाने के दौरान परिजन आर्थिक स्थिति के साथ-साथ ऑपरेशन में जान का खतरा होने की वजह से इलाज नहीं करवा पा रहे थे। संयोग से बालिका के पिता को किसी परिचित ने अमलतास अस्पताल ले जाने के लिए कहा। सभी ओर से निराश परिजनों को अमलतास अस्पताल में उम्मीद की किरण नजर आई। यहां प्लास्टिक सर्जन ने चेकअप किया और बताया कि गठान को निकालकर प्लास्टिक सर्जरी से आई सॉकेट रि-कन्सट्रक्शन करना होगा। इससे भविष्य में बालिका को कृत्रिम आँख लगाई जा सकेगी।

    परिजनों की सहमति के बाद प्लास्टिक सर्जन डॉ. राहुल यादव व असिस्टेंट डॉ. राजपालसिंह, एनेस्थेटिक डॉ. प्रिया पाटीदार, डॉ. शिखा जैन की टीम ने 1.5 किलो वजनी गठान निकालकर जटिल ऑपरेशन सफलतापूर्वक किया। मरीज का आयुष्मान कार्ड नहीं होने एवं पिता की वित्तीय स्थिति कमजोर होने से अमलतास अस्पताल के चेयरमैन मयंकराजसिंह भदौरिया ने मरीज का मुफ्त इलाज करवाने में सहयता प्रदान की।

    परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन का आभार मानते हुए कहा कि अमलतास मेडिकल कॉलेज चिकित्सा सेवा तथा आर्थिक सेवा की दृष्टि से गरीबों के इलाज के लिए वरदान बना हुआ है। हम सभी ओर से निराश थे। बेटी को इलाज मिला है और अब वह तेजी से स्वस्थ्य हो रही है।

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