धर्म-अध्यात्म

अन्नकूट महोत्सव दीपावली के एक दिन बाद से शुरू होकर वैकुंठ चतुर्दशी तक चलता है- यज्ञाचार्य पं. शास्त्री

बेहरी (हीरालाल गोस्वामी)। वर्तमान में कई मठ मंदिरों में सभी देवी-देवताओं को अर्पित छप्पन भोग अन्नकूट महोत्सव भोजन प्रसादी का कार्यक्रम निरंतर जारी है। वैकुंठ चौदस के अवसर पर प्रसिद्ध मनकामेश्वर भोमियाजी मंदिर में बड़े रूप में अनुकूल महोत्सव मनाया गया।

यह परंपरा विगत 21 वर्षों से जारी है। श्रद्धालुओं की संख्या प्रतिवर्ष बढ़ रही है। इस क्षेत्र के प्रसिद्ध मनकामेश्वर भोमियाजी मंदिर में ब्रह्ममुहूर्त में अभिषेक कर शनिवार को वैकुंठ चतुर्दशी पर छप्पन भोग अर्पित करते हुए अन्नकूट महोत्सव मनाया गया। क्षेत्र में कई स्थानों पर अन्नकूट महोत्सव मनाया गया। अन्नकूट महोत्सव मनाने के पीछे की कहानी यज्ञ आचार्य पं. चंद्रप्रकाश शास्त्री बताते हैं, कि बृजवासी भगवान इंद्र की पूजा कर रहे थे, तब भगवान कृष्ण ने ग्रामीणों से पूछा इंद्र की पूजा क्यों करते हैं तब विद्वानों ने बताया कि इंद्र देवता हमें वर्षा देते हैं। वर्षा से प्रकृति परिवर्तित होती है और हरियाली आती है, गोवंश के लिए चारा आदि उपलब्ध होता है। भगवान कृष्ण ने कहा गोवर्धन पर्वत भी हमें बहुत कुछ औषधि और गोवंश को खाने के लिए चारा देता है। हम गोवर्धन पर्वत की पूजा करें, तभी से गोवर्धन पर्वत की पूजा दीपावली के 1 दिन बाद होने लगी, तब भगवान इंद्र ने क्रोधित होकर बहुत बारिश की। इस वक्त कृष्ण ने चींटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठाकर सभी नगरवासियों की रक्षा की। इस समय सभी एक स्थान पर एकत्रित थे और कई प्रकार के व्यंजन बनाकर अन्नकूट महोत्सव मनाया, तभी से भगवान कृष्ण को अर्पित छप्पन भोग महोत्सव अन्नकूट महोत्सव के नाम से प्रचलन में आ गया।

पूरे क्षेत्र में दीपावली के एक दिन बाद से वैकुंठ चतुर्दशी तक यह महोत्सव मनाया जाने लगा। छप्पन भोग से तात्पर्य यहां पर यह है कि जब गोवर्धन पर्वत के नीचे सभी बृजवासी एकत्रित थे तब सभी प्रकार की औषधि से युक्त फल-फूल और अनाज को उबालकर या कूटकर बनाया गया, जिससे कई प्रकार के व्यंजन बने एवं छप्पन भोग का प्रचलन आया है। भोमियाजी मंदिर परिसर में पं. शास्त्री व विद्याधर वैष्णव सहित 51 ब्राह्मणों द्वारा अभिषेक-पूजन संपन्न कराया गया। इस धार्मिक महोत्सव में बेहरी, बागली, चापड़ा, छतरपुर, नयापुरा, हाटपीपल्या, अमरपुरा, डबलचौकी, इंदौर-देवास आदि स्थानों के श्रद्धालु उपस्थित रहे।

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