संतों पर टिप्पणी से आहत भागवताचार्य उपाध्याय ने सोनकच्छ विधानसभा में कथा नहीं करने का लिया संकल्प

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  • निवेदन करने पहुंचे पूर्व विधायक राजेंद्र वर्मा हुए भावुक, कहा गुरुजी आप कथा नहीं करेंगे तो हम सनातन धर्म को कैसे जानेंगे
  • पं. उपाध्याय से निवेदन किया, आप सोनकच्छ विधानसभा में कथा करें, पहला यजमान मैं बनूंगा
  • उपस्थित श्रद्धालुओं से भी कहा आपको कोई दुख ना पहुंचे, मेरे सारे सुख भगवान आपको दें
  • पं. मिश्रा या बागेश्वर धाम के संतश्री सनातन धर्म के लिए काम कर रहे हैं, अगर उनकी कथा के लिए मकान भी बेचना पड़े तो बेच दूंगा- राजेंद्र वर्मा

देवास/टोंकखुर्द ग्राम जिरवाय में श्रीमद भागवत कथा के दौरान संतों पर टिप्पणी को लेकर मामला तूल पकड़ रहा है। भागवताचार्य पं. रामकृष्ण उपाध्याय टिप्पणी से इतने आहत हुए, कि उन्होंने पूरी सोनकच्छ विधानसभा में ही कथा नहीं करने का संकल्प ले लिया। रविवार को कथा की पूर्णाहुति पर पूर्व विधायक राजेंद्र वर्मा पहुंचे। वो मंच से अपने उद्बोधन के दौरान भावुक हो गए। उन्होंने गुरुजी से अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने का निवेदन करते हुए कहा कि एक व्यक्ति की सजा पूरी सोनकच्छ विधानसभा के लोगों को देना न्यायसंगत नहीं होगा। साथ ही उन्होंने पं. प्रदीप मिश्रा या बागेश्वर धाम के धीरेंद्रकृष्ण शास्त्री की कथा करवाने के लिए अपना मकान तक बेचने की बड़ी बात कह दी।

पूर्व विधायक वर्मा ने उपस्थित श्रद्धालुओं से कहा मैं यह प्रार्थना करता हूं कि आपके पैरों में कोई कांटा नहीं चुभे, यदि कोई दुख आप पर आए तो वह मुझ पर आ जाए, लेकिन मेरे सारे सुख भगवान आपको दे दें। भागवताचार्य जी का एक वीडियो मैंने देखा, वह बहुत मार्मिक वीडियो है। यह राजनीति का विषय नहीं है। न मैं राजनीति करना चाहता हूं। राजनीति के लिए मेरे पास 365 दिन और चौबीस घंटे है। आज मैं राजनीति के लिए नहीं आया हूं। गुरुजी ने जो वीडियो जारी करके कहा कि मैं कथा नहीं करूंगा तो मैं उनसे यही आग्रह करने के लिए आया हूं, कि आप अपने निर्णय पर फिर से विचार करें। संत अगर सोनकच्छ विधानसभा में नहीं आएंगे, हम उनके मुख से कथा का श्रवण नहीं करेंगे तो हम अपने धर्म की उपासना कैसे करेंगे, हम सनातन धर्म को कैसे जानेंगे।

पूर्व विधायक वर्मा ने कहा संत हमारे अभिभावक होते हैं, यदि आप सोनकच्छ विधानसभा में कथा नहीं करेंगे और एक व्यक्ति की सजा सभी को देंगे तो यह न्यायसंगत नहीं होगा। इसलिए मैं गुरुजी से प्रार्थना करता हूं कि आप अपने निर्णय पर पुनर्विचार करें। अगर जनता आपकी कथा से वंचित हो गई तो सनातन धर्म कैसे आगे बढ़ेगा, क्योंकिे संत ने ही हमें सिखाया है धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो, प्राणियों में सद्भावना हो और विश्व का कल्याण हो।

इस जिरवाय ग्राम में अगली बार फिर से आइएं, हम आपके मुख से श्रीमद भागवत कथा सुनेंगे। सभी को आप धर्म का लाभ दीजिएं। जब आप हमें धर्म का लाभ देंगे, हम इस संसार से विदा होंगे तो हमें स्वर्ग लोक की प्राप्ति होगी, क्योंकि इस देश को और राजनीति को सही मार्ग बताने का कार्य किया है तो वह संतों ने किया है। इसलिए हमारे यहां कहा है, बिन सत्संग विवेक न होई।

वर्मा ने बगैर किसी का नाम लिए कहा अगर कोई अहंकारी, अज्ञानी व्यक्ति मूर्खता में कोई बात कह दे तो उसे दिल पर ना लें। उसे यह भान नहीं होता है कि वह क्या बोल रहा है। मैं सोनकच्छ विधानसभा के अनुयायी की ओर से आपके चरणों में मस्तक रखकर प्रार्थना करता हूं आप सोनकच्छ विधानसभा में कथा करें। आप जैसे ही अनुमति देंगे, उस कथा का सबसे पहला यजमान मैं बनूंगा।

पूर्व विधायक वर्मा ने यह भी कहा अगर पं. प्रदीप मिश्रा या बागेश्वर धाम के संत धीरेंद्रकृष्ण शास्त्री सोनकच्छ विधानसभा में कथा करना चाहते हैं तो चाहे मुझे अपना मकान बेचकर ही क्यों ना कथा करवाना पड़े मैं करवाऊंगा, क्योंकि वो सनातन धर्म के लिए कार्य कर रहे हैं। वर्मा के उद्बोधन के दौरान बड़ी संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं ने तालियां बजाते हुए जयकारे लगाए। गौरतलब है कि विधायक सज्जनसिंह वर्मा ने व्यासपीठ से अपने उद्बोधन के दौरान पं. प्रदीप मिश्रा व बागेश्वर धाम का नाम लेते हुए टिप्पणी की थी। इसी टिप्पणी से पं. उपाध्याय आहत हुए और उन्होंने व्यासपीठ से सोनकच्छ विधानसभा में कथा नहीं करने का संकल्प ले लिया। इधर विरोधस्वरूप कई स्थानों पर पुतला दहन भी हुए।

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