Gujarat | गुजरात में H3N2 के तीन मामले आए सामने; स्वाइन फ्लू के 77 केस, एक की मौत

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गांधीनगर. देश भर में मौसमी इन्फ्लूएंजा के उप-स्वरूप H3N2 (H3N2 Influenza) के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इस बीच गुजरात (Gujarat) में भी इस वायरस के तीन मामले सामने आए हैं। साथ ही H1N1 यानी स्वाइन फ्लू (Swine Flu) के 77 केस भी मिले हैं। इससे एक की मौत हुई है। इसकी पुष्टि शनिवार को गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने की है।

ऋषिकेश पटेल ने कहा इन्फ्लूएंजा को लेकर जानकारी साझा करते हुए कहा, “10 मार्च तक राज्य में तीन H3N2 मामले और H1N1 के 77 मामले हैं। राज्य में अब तक एक मौत हुई है जो H1N1 से हुई है।”

H3N2 के मामलों में वृद्धि के बीच केन्द्र ने कुछ राज्यों में कोविड-19 संक्रमण दर में क्रमिक बढ़ोतरी को लेकर शनिवार को चिंता व्यक्त की और कहा कि इससे तुरंत निपटने की जरूरत है। केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से इंफ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) या गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (एसएआरआई) के मामलों के रूप में पेश होने वाले श्वसन संबंधी रोगों की एकीकृत निगरानी के लिए दिशानिर्देशों का पालन करने का अनुरोध किया। राज्यों से दवाओं और मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता, कोविड-19 और इन्फ्लूएंजा के खिलाफ टीकाकरण जैसी अस्पताल की तैयारियों का जायजा लेने का भी अनुरोध किया गया है।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को शनिवार को लिखे एक पत्र में कहा है, “हालांकि पिछले कुछ महीनों में कोविड-19 के मामले कम होते जा रहे है लेकिन कुछ राज्यों में कोविड-19 संक्रमण दर में क्रमिक वृद्धि हुई है जो चिंता का एक मुद्दा है और इससे तेजी से निपटा जाना चाहिए।”

भूषण ने कहा कि नए मामलों की कम संख्या, अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में कमी और कोविड-19 टीकाकरण के मामले में महत्वपूर्ण प्रगति के बावजूद, सतर्क रहने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि जांच, इलाज और टीकाकरण पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए और कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन किये जाने की जरूरत है। देशभर के कुछ राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में अन्य आईएलआई और एसएआरआई में बढ़ते रुझान के मद्देनजर, केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों और संबंधित संगठनों के साथ वर्तमान स्थिति की समीक्षा करने के लिए हाल में एक बैठक आयोजित की गई थी।

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उन्होंने कहा, “विभिन्न प्रयोगशालाओं में विश्लेषण किए जा रहे नमूनों में इन्फ्लुएंजा (एच3एन2) विशेष रूप से चिंता का विषय है। यह भी ध्यान में रखा जाना चाहिए कि बच्चे, बुजुर्ग लोग और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों में एच1एन1, एच3एन2 का अधिक खतरा है।”

भूषण ने पत्र में कहा है कि इन बीमारियों को फैलने से रोकने के लिए लोगों को स्वच्छता के बारे में जागरूक करना जरूरी है। 

गौरतलब है कि शुक्रवार को केंद्र सरकार ने एक समीक्षा बैठक की, जिसमें कहा गया कि सरकार देश में इन्फ्लूएंजा की स्थिति पर कड़ी नजर रख रही है और H3N2 उप-स्वरूपों की निगरानी कर रही है। साथ ही इन्फ्लूएंजा के मामलों में मार्च के अंत तक कमी आने की बात कही है।

एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) और एकीकृत स्वास्थ्य सूचना मंच (आईएचआईपी) पर उपलब्ध नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, राज्यों द्वारा 9 मार्च तक H3N2 सहित इन्फ्लूएंजा के विभिन्न उप-स्वरूपों के कुल 3,038 मामलों की पुष्टि की गई है। इसमें अब तक जनवरी में 1245, फरवरी में 1307 और मार्च में 486 मामले शामिल हैं।

IDSP-IHIP डेटा के मुताबिक इस साल जनवरी के महीने के दौरान, देश से एक्यूट रेस्पिरेटरी इलनेस/इन्फ्लूएंजा लाइक इलनेस (ARI/ILI) यानी श्वसन बीमारी/इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी के कुल 3,97,814 मामले सामने आए। जबकि, फरवरी के दौरान 4,36,523 मामले आए। वहीं, मार्च के पहले नौ दिनों में 1,33,412 मामले दर्ज किए गए।

वहीं, गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (SARI) के जनवरी में 7,041 मरीज भर्ती हुए, फरवरी में 6,919 और मार्च के पहले नौ दिनों में 1,866 भर्ती हुए हैं।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस साल फरवरी के अंत तक H1N1 के कुल 955 मामले सामने आए हैं। सबसे ज्यादा मामले तमिलनाडु (545) में सामने आए। इसके बाद महाराष्ट्र (170), गुजरात (74), केरल (42) और पंजाब (28) से दर्ज किए गए हैं। (एजेंसी इनपुट के साथ)



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