Holi 2023 से पहले अलीगढ़ में चाकचौबंद हुई व्यवस्था, ढकी गई मस्जिद की दीवारें

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ANI Image

अलीगढ़ के अब्दुल करीम चौराहा स्थित मस्जिद को होली से पहले कपड़े और पन्नी से ढक दिया गया है। होली के मौके पर मस्जिद की दीवारों पर रंग पड़ने ये बवाल की कई घटनाएं सामने आ चुकी है, जिसके बाद एहतियात के तौर पर मस्जिद को ढका गया है।

होली को लेकर एक तरफ पूरे भारत में उत्साह और उमंग का माहौल बना हुआ है। इसी बीच उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में अब्दुल करीम चौराहे पर बनी मस्जिद को होली से पहले ही एहतियात के तौर पर कपड़ों और पन्नी की मददसे ढ़क दिया गया है। होली के रंगों से मस्जिद की दीवारें खराब ना हो, इसके लिए ये कदम उठाया गया है।

गौरतलब है कि अब्दुल करीब चौराहा संवेदनशील इलाकों में से एक है, जहां कई बार तनाव की स्थिति उत्पन्न हो चुकी है। आमतौर पर यहां पूरे जिले के लोग इकट्ठा होकर होली खेलते है। ऐसे में होली के रंग मस्जिद की दीवारों पर ना लगे इसलिए दीवारें ढ़कने का कदम उठाया गया है। बीते छह सालों से हंगामा रोकने के उद्देश्य से मस्जिद की दीवारों को ढ़का जाता है।

 जानकारी के मुताबिक मस्जिद को त्रिपाल से ढंका गया है। दरअसल पुलिस के निवेदन के बाद मस्जिद प्रशासन तनाव ना उत्पन्न हो इस उद्देश्य से मस्जिद की दीवारों को ढक देता है। होली के मद्देनजर दो से तीन दिन तक दीवारें पूरी तरह से ढ़की रहती है। बता दें कि इस वर्ष होली का त्योहार और शब ए  बारात का आयोजन एक ही दिन हो रहा है। ऐसे में पुलिस बल अतिरिक्त एहतियात बरत रहा है। 

मस्जिद का रखरखाव करने वाले हाजी मोहम्मद इकबाल ने बताया कि बीते चार पांच सालों से लगातार मस्जिद को होली के त्योहार पर कवर कर दिया जाता है। यह संवेदनशील चौराहा है, जहां हलवाई खाना मस्जिद बनी हुई है। इस चौराहे पर धूमधाम से होली खेली जाती है। ऐसे में मस्जिद की दीवारों पर रंग ना गिरे इससे बचाने के लिए मस्जिद को कवर करते है। बता दें कि मस्जिदों को ढ़कने का मूल मकसद इन्हें पाक साफ रखना है। प्रशासन से लेकर स्थानीय लोग भी इसमें सहयोग करते है। मुस्लिम समाज का कहना है कि मस्जिद को एहतियात के तौर पर ढका जाता है।

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