रायसिंह सैंधव: निष्ठा और समर्पण के दम पर बने भाजपा जिला अध्यक्ष

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  • पार्टी ने संगठन की दिशा और दशा को मजबूत करने के लिए जताया सैंधव पर भरोसा

देवास (दिनेश सांखला)। शहर की राजनीति के आसमान में एक और सितारा जगमगा रहा और वह है रायसिंह सैंधव। भाजपा ने अपनी परंपरा को निभाते हुए समर्पण और निष्ठा के प्रतीक रायसिंह सैंधव को देवास जिले का जिला अध्यक्ष नियुक्त किया है। लंबे समय से चली आ रही अटकलों और दावेदारियों के बाद आखिरकार पार्टी ने संगठन की दिशा और दशा को मजबूत करने के लिए सैंधव पर भरोसा जताया है।

पिछले कुछ दिनों से देवास में चर्चा का बाजार गर्म था। जिला अध्यक्ष के पद के लिए कई बड़े नामों के बीच खींचतान चल रही थी। हालांकि, सैंधव ने अपने अनुभव और संगठन के प्रति समर्पण से यह बाजी अपने नाम कर ली। पार्टी ने उनके वर्षों के योगदान और विभिन्न राज्यों में किए गए काम को देखते हुए यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी।

संघ से भाजपा तक का सफर-

1 जुलाई 1967 को जन्मे रायसिंह सैंधव ने समाज सेवा और राष्ट्रहित को अपनी प्राथमिकता बनाया। एमए और बीएड तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने सरस्वती शिशु मंदिर में प्राचार्य के रूप में काम किया। यहां उन्होंने न केवल शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित किए, बल्कि विद्यालय को उत्कृष्टता की ऊंचाईयों तक पहुंचाया।

सैंधव के सार्वजनिक जीवन की शुरुआत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से हुई। संघ में विभिन्न जिम्मेदारियों को निभाते हुए उन्होंने हिंदू जागरण मंच के जिला संयोजक के रूप में अपनी छवि को और निखारा। संघ में उनके अनुभव और सक्रियता ने भाजपा में उनके प्रवेश का रास्ता खोला।

हर चुनाव में सफलता का पर्याय बने सैंधव-

सैंधव का राजनीतिक सफर भाजपा के साथ और भी बुलंदियों पर पहुंचा। वे लोकसभा और विधानसभा चुनावों में पार्टी के लिए चुनाव प्रभारी के तौर पर तैनात रहे। उनकी रणनीतियों ने मध्यप्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में भाजपा को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई।

उनकी कार्यक्षमता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्हें मध्यप्रदेश सरकार ने दो बार देवास विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष और दो बार मप्र पाठ्य पुस्तक निगम का अध्यक्ष बनाया। इन पदों पर रहते हुए उन्होंने अपने नेतृत्व कौशल का लोहा मनवाया।

संगठन का विश्वास, सैंधव का संकल्प-

जिला अध्यक्ष बनने के बाद सैंधव ने कहा, पार्टी ने मुझ पर जो भरोसा जताया है, उसे मैं हर हाल में कायम रखूंगा। मैंने अब तक जो भी दायित्व निभाए हैं, उनमें निष्ठा और समर्पण ही मेरी पहचान रहे हैं। मैं पार्टी की उम्मीदों पर खरा उतरने का हरसंभव प्रयास करूंगा।

राजनीति से समाज सेवा तक-

सिर्फ राजनीति ही नहीं, सैंधव सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रहे हैं। उन्होंने अपने जीवन को समाज और राष्ट्र की सेवा के लिए समर्पित किया है। संघ और भाजपा के मंच से उन्होंने समाज में जागरूकता और एकता का संदेश दिया।

अनुभव साबित होगा मजबूत स्तंभ-

उनकी यह नियुक्ति न केवल उनके समर्थकों के लिए, बल्कि कार्यकर्ताओं के लिए भी एक बड़ा संदेश है कि मेहनत और ईमानदारी से सफलता हासिल होती है। देवास जिले की राजनीति में सैंधव के नेतृत्व का यह नया अध्याय क्या नया मोड़ लाएगा, यह देखने लायक होगा। अब देखना यह है, कि सैंधव अपनी नई जिम्मेदारी के साथ संगठन को किस ऊंचाई तक पहुंचाते हैं। लेकिन इतना तय है कि सैंधव का समर्पण और अनुभव पार्टी के लिए एक मजबूत स्तंभ साबित होगा।

 

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