भागवत कथा के श्रवण मात्र से ज्ञान और भक्ति की होती है प्राप्ति- अंतिम बाला

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Kalash yatra

ग्राम कलमा में कलश यात्रा के साथ श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ

देवास। जिले के ग्राम कलमा स्थित आनंदेश्वरी धाम में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ हर्षोल्लास और श्रद्धा के साथ हुआ। कथा का आयोजन 7 जनवरी तक प्रतिदिन दोपहर 12 से 3 बजे तक होगा। आयोजन की शुरुआत बुधवार सुबह कलश यात्रा से हुई, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया।

कलश यात्रा का प्रारंभ सुबह 10 बजे हुआ, जिसमें यजमान श्रीमद्भागवत गीता को मस्तक पर धारण कर चल रहे थे। इस दौरान मार्ग में श्रद्धालुओं ने फूलों की बारिश कर यात्रा का स्वागत किया। कथावाचिका अंतिम बाला ने भी यात्रा में भाग लिया, जो ग्राम के विभिन्न मार्गों से गुजरते हुए कथा स्थल पर पहुंची। कथा स्थल पर विधिवत पूजन-अर्चन के साथ कथा की शुरुआत हुई।

श्रीमद्भागवत कथा का महत्व बताया-
कथावाचिका अंतिम बाला ने कथा के पहले दिन श्रीमद्भागवत महापुराण के महत्व को श्रद्धालुओं के समक्ष प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा, कि कलियुग में भागवत कथा सुनने से पुण्य लाभ मिलता है और यह आत्मा को शांति प्रदान करती है। कथा के श्रवण मात्र से व्यक्ति को ज्ञान और भक्ति की प्राप्ति होती है। नियमित रूप से कथा सुनने से प्रभु की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

गांव में दिखा भक्ति का वातावरण-
कथा आयोजन के दौरान गांव में भक्तिमय वातावरण देखने को मिला। बड़ी संख्या में श्रद्धालु कथा श्रवण के लिए पहुंचे। कथा स्थल को फूलों से सजाया गया।

Solar panels

शांति और भक्ति का संदेश-
आयोजन समिति ने बताया कि श्रीमद्भागवत कथा के माध्यम से समाज में शांति और भक्ति का संदेश फैलाने का प्रयास किया जा रहा है। कथा आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करती है और सामूहिक रूप से ग्रामवासियों को जोड़ती भी है। उन्होंने भक्तों से नियमित रूप से कथा श्रवण करने का आह्वान किया।

आयोजन के पहले दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी, जिससे गांव का वातावरण भक्तिमय हो गया।

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