परमात्मा सबके साथ है, लेकिन हम बाहर ढूंढ रहे हैं- सद्गुरु मंगल नाम साहेब

Posted by

Share

Dewas news

देवास। यह संसार में अंधी दौड़ मची हुई है। लोग बिना सोचे समझे दिशाहीन होकर दौड़ रहे हैं, लेकिन हाथ कुछ आना नहीं है इसलिए जब तक अपने मन को ठहराओगे नहीं, अपने मन की चंचलता को मिटाओगे नहीं तब तक कोई वस्तु हाथ नहीं आनी है।

कबीर साहब ने कहा है, कि जितनी लहर समुद्र की उतनी मन की दौड़। दौड़, दौड़ मन स्थिर भया और वस्तु ठौर की ठौर इसलिए अपने मन को दौड़ाओ मत ठहराओ। कबीर साहब का यह संदेश है कि डरो मत, समझो। दौड़ने से कोई चीज प्राप्त नहीं होती है। जो तुम्हारे पास है निकट से भी निकट है। जो तुम्हारे अंदर ही श्वास रूप में प्रकट है, उसे तुम बाहर ढूंढ रहे हो। साहब सबके साथ हैं। तुम परमात्मा को साथ होते हुए भी नहीं देख पा रहे हो। अगर तुम्हें परमात्मा को देखने का ढंग आ गया। अनुभव हो गया तो तुम इस संसार सागर से सहज ही मुक्त हो जाओगे।

यह विचार सद्गुरु मंगल नाम साहेब ने सद्गुरु कबीर सर्वहारा प्रार्थना स्थलीय सेवा समिति मंगलमार्ग टेकरी द्वारा सेवक बलराम पंचोली के आतिथ्य में आयोजित गुरुवाणी पाठ, गुरु शिष्य चर्चा, चौका सर्वोदय विधान के दौरान व्यक्त किए।

इस दौरान सेवक हीराबाई बलराम पंचोली, शैलेश पंचोली, वीरेंद्र चौहान सहित साध संगत द्वारा सद्गुरु मंगल नाम साहेब, नितिन साहेब, नीरज साहेब की चरण पूजा, महाआरती कर आशीर्वचन लिए गए। इस अवसर पर सेवक कमलेश पंचोली, राजेन्द्र चौहान, मांगीलाल साहेब, जीवा साहेब सहित साध संगत उपस्थित थे।

कार्यक्रम पश्चात सभी उपस्थित साध संगत को महाप्रसादी वितरित की गई। यह जानकारी सेवक बलराम पंचोली ने दी।

 

One response

  1. संतोष साहेब महाराष्ट्र Avatar
    संतोष साहेब महाराष्ट्र

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *