देवास। प्रदेश में कई नए जिलों का गठन हो चुका है। साथ ही अब परिसीमन किया जा रहा है। इसमें नया संभाग का गठन भी हाे रहा है। क्षेत्रफल के हिसाब से विस्तार में फैले देवास जिले की उपेक्षा की जा रही है। देवास जिला मुख्यालय से करीब 58-60 किमी दूर बागली को जिला बनाने की मांग वर्षों से की जा रही है, लेकिन नए जिलों के गठन में बागली का नाम नहीं होना आश्चर्य की बात है।
शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी व कार्यकारी अध्यक्ष प्रवक्ता सुधीर शर्मा ने कहा कि देवास जिले के बागली को जिला बनाने की मांग वर्षों से लगातार उठ रही है, क्योंकि देवास जिला बहुत विस्तार में फैला हुआ है, इसलिए वहां के लोगों को काम के लिए कई किलोमीटर की यात्रा करने के बाद देवास आना पड़ता है। इसके लिए लोगों ने आंदोलन भी किया। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने तो यह तक कह दिया था कि मैं हर हाल में बागली को जिला बनाऊंगा। अब चूकी मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव है, उन्होंने नए परिसीमन के आदेश दिए हैं। इसके अंतर्गत प्रदेश में एक संभाग और तीन नए जिले बनाने का प्रस्ताव रखा है। इसके अंतर्गत पीथमपुर को इंदौर में शामिल किया गया है। विदिशा का सिरोंज नया जिला बनेगा, साथ ही निमाड़ को नया संभाग बनाया जा रहा है, खरगोन बड़वानी, बुरहानपुर और खंडवा को मिलाकर नया संभाग बनेगा। रायसेन या सांची विदिशा में शामिल होगा। नर्मदापुरम से अलग होकर पिपरिया को जिला बनाया जा रहा है। बुधनी को नर्मदापुरम में शामिल किया जाएगा। सागर का बीना नया जिला बनाया जाएगा। इसी प्रकार तहसीलों का भी गठन किया जा रहा है।
शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष राजानी व कार्यकारी अध्यक्ष प्रवक्ता शर्मा ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव से मांग की है कि देवास जिले के बागली के लोगों की लंबे समय से मांग है कि बागली को जिला बनाया जाए, लेकिन वर्तमान में किए जा रहे परिसीमन में बागली का कहीं भी नाम नहीं है। चूकी बागली आदिवासी बहुल क्षेत्र है जिसके अंतर्गत पीपरी, उदयनगर, डबलचौकी साथ ही कन्नौद, खातेगांव, नेमावर की देवास से दूरी बहुत है। इतनी दूर से जिला मुख्यालय देवास आने में निश्चित रूप से परेशानी आती है। हमारी मांग है कि नए संभाग, जिले के परिसीमन में बागली को भी शामिल किया जाए और बागली को एक नया जिला बनाया जाए, जिससे इस पिछड़े क्षेत्र को विकास की नई रफ्तार मिल सके।
Leave a Reply