भगवती सराय को तोड़कर बनने वाला भक्त निवास नहीं ले पा रहा है आकार- कांग्रेस

Posted by

Dewas news

देवास। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव कह रहे हैं कि उज्जैन में साधु-संतों के लिए स्थायी आश्रमों का निर्माण किया जाएगा। वहीं अन्य धार्मिक स्थलों पर भी संत ठहर सके इसके लिए सभी धार्मिक स्थलों पर आश्रम का निर्माण किया जाएगा। इधर देवास में माता टेकरी के सीढ़ी द्वार के सामने भगवती सराय को तोड़ दिया गया, लेकिन नवनिर्माण अभी तक प्रारंभ नहीं किया। इससे बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को रात्रि विश्राम में परेशानी होती है।

शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी व कार्यकारी अध्यक्ष प्रवक्ता सुधीर शर्मा ने बताया कि माता टेकरी के सामने रियासतकालीन भगवती सराय थी, जहां पर साधु संतों के साथ अन्य बाहर से आने वाले दर्शनार्थी रुका करते थे। पुराना भवन होने से जिला प्रशासन के द्वारा नई कार्य योजना बनाई गई, जिसके अंतर्गत यह निर्णय लिया गया कि कलेक्टर कार्यालय सहित अन्य भवनों को निजी हाथों में रिडेंसिफिकेशन योजना (पुनर्धनत्वीकरण नीति) के तहत सौंपा जाए। इसी योजना के अंतर्गत पुरानी भगवती सराय की 5 हजार वर्ग मीटर जमीन दी गई। इस पर संबंधित डेवलपर द्वारा 7.94 करोड़ रुपए की लागत से नई भगवती सराय का निर्माण किया जाएगा। कहा गया कि योजना के अंतर्गत यहां 14 कमरे, भक्त निवास, एक मल्टीपर्पस हाल, पार्किंग सहित सभी सुविधाएं होंगी। नवीन भवन में 45 कारों एवं 52 दो पहिया वाहनों की पार्किंग हो सकेगी।

Dewas news

शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष श्री राजानी व कार्यकारी अध्यक्ष प्रवक्ता श्री शर्मा ने कहा कि 1 वर्ष होने को आया है पुरानी भगवती सराय को तोड़ दिया गया है, लेकिन जिस बिल्डर को काम दिया गया है, उसने इस संदर्भ में वहां पर आज तक कोई भी काम शुरू नहीं किया है। पूरी जमीन समतल कर छोड़ दी है, जबकि उक्त कंपनी द्वारा कलेक्टर कार्यालय एवं नए बनने वाले बस स्टैंड पर काम शुरू किया गया है।

आज माता टेकरी पर रोजाना सैकड़ों की संख्या में दर्शनार्थी आते हैं। उन्हें शहर में रुकने के लिए कोई सस्ती और सुविधाजनक धर्मशाला नहीं है कि जहां वह रह कर शीघ्र ही माता के दर्शन कर आए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव कह रहे हैं कि हर धार्मिक स्थल पर साधु-संतों एवं दर्शनार्थियों के लिए स्थायी तौर पर आश्रम या धर्मशाला बनाई जाएगी। कांग्रेस ने मांग की है कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुसार शीघ्र ही भगवती सराय के निर्माण का काम प्रारंभ किया जाए जिससे कि साधु-संतों एवं दर्शनार्थियों को इसका लाभ मिल सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *