– जटाशंकर के संत बाबा केशवदासजी ने की थी प्राण-प्रतिष्ठा
– नवरात्रि में सज गया मां का दरबार, घट स्थापना के साथ यज्ञ प्रारंभ
बेहरी (हीरालाल गोस्वामी)। नवरात्रि के छठवें दिन मां कात्यायनी की पूजा-अर्चना का विधान है। जो भक्त मां दुर्गा की छठी विभूति कात्यायनी की आराधना करते हैं, उनकी समस्त मनोकामना पूर्ण होती है। कात्यायनी देवी माता के नौ रूप में शामिल हैं। पूरे क्षेत्र में मां कात्यायनी का एकमात्र मंदिर बेहरी में है। नवरात्रि में यहां घट स्थापना के साथ ही विविध अनुष्ठान प्रारंभ हो चुके हैं। मनोकामना लिए भक्त यहां पहुंच रहे हैं।
पं. अंतिम उपाध्याय व राजेंद्र उपाध्याय ने बताया कि जटाशंकर के संत बाबा केशवदासजी ने प्राण-प्रतिष्ठा के दौरान कात्यायनी देवी माता की स्थापना की थी। यहां पर माता का प्राचीन स्थान था, बाद में ग्रामीणों ने आपस में सहयोग करके मंदिर निर्माण करवा दिया। नवरात्रि में यहां स्थापना पर्व भी मनाया जा रहा है। पूरे नौ दिनों तक हवन-यज्ञ के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे। पूरे क्षेत्र में कात्यायनी देवी मंदिर यहीं पर है। नवरात्रि आरंभ होते ही यहां पर प्रथम दिन घट स्थापना के साथ यज्ञ आरंभ हुआ। यज्ञ में औषधीययुक्त आहुति दी जा रही है। प्रथम दिन दंपती घनश्याम पाटीदार एवं रीना पाटीदार द्वारा ज्योत प्रज्वलित की गई। प्रतिदिन अलग-अलग यजमान यहां पर पूजा-अर्चना करेंगे। गांव के ही महिला-पुरुष, बच्चे बड़ी संख्या में दर्शन लाभ लेने के साथ हवन यज्ञ में शामिल हो रहे हैं। इसी प्रकार नृसिंह मोहल्ले में नृसिंह ग्रुप सहित जगह-जगह मूर्ति स्थापना की गई है। रामपुरा, गवाड़ी, चैनपुरा, सेवनिया, मालीपुरा, अंबापानी आदि स्थानों पर मूर्ति की स्थापना की गई।
दुर्गा उत्सव समिति से जुड़े राजेंद्र उपाध्याय, प्रहलादगिर गोस्वामी, तुलसीराम विश्वकर्मा, शिवनारायण वर्मा, घनश्याम पाटीदार, सूरजसिंह पाटीदार, बालाराम दांगी, भोजराज पाटीदार, कन्हैयालाल पाटीदार, गब्बूलाल पाटीदार, बद्रीलाल पाटीदार, काशीराम पाटीदार, योगेंद्र दांगी ने बताया कि माता की आराधना करने से मनचाहा फल मिलता है। मां कात्यायनी की कृपा से क्षेत्र महामारी से बचा रहता है।
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