, ,

जवानों जैसी फुर्ती रखती हैं 100 साल की भैंस वाली मां

Posted by

Share

– अपनी बहू से ज्यादा काम कर लेती हैं, बर्तन धोना और खाना पकाना अच्छा लगता है

बालोदा (सुनील पटेल)। आज के जमाने में अगर स्वास्थ्य की बात की जाए तो हर किसी को कोई ना कोई बीमारी है। किसी को एसिडिटी, पेट दर्द तो किसी को सिर दर्द सहित विभिन्न प्रकार की परेशानियां हैं। अगर पुराने लोगों की बात की जाए तो वे आज भी युवाओं से ज्यादा मजबूत और स्वस्थ्य भी है। इसका एक उदाहरण भैंस वाली मां है।

दरअसल, हम बात कर रहे हैं भंवरबाई पति निहालसिंह भैंस वाली की। देवास जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर ग्राम बालोदा के समीप लहसुल्डिया नजदीक गांव की इस बुजुर्ग महिला काे गांव के लोग भैंस वाली मां के नाम से पहचानते हैं। भैंस वाली दादी की उम्र करीब 100 साल हो गई है, लेकिन अब तक पूर्ण रूप से स्वस्थ्य है। इस उम्र तक उन्होंने अस्पताल का मुंह नहीं देखा। गांव की ताजी हवा एवं सात्विक भोजन इनकी सेहत का राज है। इस उम्र में भी अपनी बहू से ज्यादा काम कर लेती हैं। वे कहती है कि आजकल लोगबाग आलसी हुई गया है। सब काम मशीन से करवानो चाहे। म्हारो केनो है कि खुद हाथ-पांव चलाएंगा तो शरीर बुढ़ापा में भी साथ देगो। म्हारे आज तक कोई बीमारी नी हुई। भैंस वाली मां घर के आंगन का झाड़ू-पोछा कर लेती हैं। बर्तन धोने से लेकर खाना भी बना लेती हैं। इनके पास एक भैंस है, जिसके लिए चारा खुद काटकर लाती है। भैंस वाली मां के बेटे हटेसिंह ने बताया कि पहले हमारे पास 10-12 भैंस थी। इसी कारण गांव के लोग मां को भैंस वाली मां के नाम से पहचानने लग गए। दूध-दही, मक्खन खाने से हमारी मां मजबूत है और उनका स्वास्थ्य भी ठीक है। हटेसिंह ने बताया कि हम उन्हें काम करने से मना करते हैं तो वो हमें डांटती हैं और कहती हैं कि काम करने से ही स्वस्थ्य रहते हैं। मेहनतकश लोगों को किसी बीमारी का सामना नहीं करना पड़ता।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *