तेजा दशमी के अवसर पर नगर में निकाला डोल

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मन्नत पूरी होने पर बच्चों को भगवान के सामने लेटाकर भरी जाती है डोल की गोद

भौंरासा (मनोज शुक्ला)। नगर में लगभग 300 वर्ष पुराना तेजाजी महाराज का मंदिर माली मोहल्ले में स्थित है। यहां पर तेजाजी महाराज की समाधि है। यह एक चमत्कारी स्थल भी है। यहां पर सालभर बाबा के दर्शन के लिए लोग पहुंचते हैं, परंतु पूरे साल में तेजा दशमी के दिन यहां पर महत्वपूर्ण बात यह होती है की जिन महिलाओं को संतान नहीं होती हैं, उनकी तेजा दशमी की रात 12 बजे आरती पूजन कर गोद भरी जाती है, जिसके बाद उन्हें संतान प्राप्ति का सुख प्राप्त होता है।

यहां पर ऐसे कई उदाहरण देखे जाते हैं। सालभर बाद जब उनकी गोद भर जाती है तो वह अपने बच्चे को मंदिर में लाकर भगवान तेजाजी के सामने लेटाकर व भगवान के डोल की पूजा आरती कर भगवान के डोल की गोद भरती हैं। यहां पर आज के दिन लोग सुबह से बाटी चूरमा चढ़ाने आते हैं। इसका भी यहां पर अलग ही महत्व है। साथ ही नारियल की प्रसाद बाबा को चढ़ती है।

इसी तरह नगर स्थित केसरिया कुंवर पर केसरिया कुंवर महाराज के नाम से प्रसिद्ध मंदिर है, जहां पर भी लोग मन्नत मांगते हैं और यहां पर मन्नत पूरी होती है। मन्नत पूरी होने पर मंदिर के ऊपर तेजाजी महाराज की छतरी चढ़ाई जाती है, जिसका भी एक अलग ही महत्व है। हर साल नगर में तेजाजी महाराज का डोल निकलता है जो बड़े धूमधाम से निकाला जाता है। इससे जुड़ी भी एक धारणा लोगों में है कि डोल के नीचे से निकलने पर छोटे बच्चों को डरावने सपने नहीं आते।

प्रतिवर्ष अनुसार तेजा दशमी के अवसर पर नगर में तेजाजी महाराज का डोल निकाला गया, जो पूरे नगर में होते हुए सरस्वती शिशु विद्या मंदिर प्रांगण में पहुंचा। यहां पर वसूली पटेल जसवंत सिंह राजपूत, नगर परिषद अध्यक्ष संजय जोशी, उपाध्यक्ष जय सिंह राणा, जमनालाल माली, मुकेश कुमावत, पार्षद सचिन यादव, सुरेश मालवीय, राहुल मूंदड़ा, अजय यादव सहित नगर के गणमान्य लोगों द्वारा डोल की पूजा की गई। पूजा नगर पुरोहित मनोज जोशी के द्वारा कराई गई। वही पूरे नगर के लोगों ने पूजा-अर्चना की और अपनी मान मन्नत पूरी करने के साथ कुछ लोगों ने नई मन्नत भी मांगी।

मंदिर के पुजारी बताते हैं कि यहां का ऐसा इतिहास है कि जो भी व्यक्ति आकर यहां मन्नत मांगता है, वह अवश्य पूरी होती है। यह बहुत चैतन्य स्थल है। इस मंदिर के पुजारी प्रजापति समाज से हैं, जो यहां पर सालभर बाबा की सेवा करते हैं। साथ ही इसी स्थान पर मां शीतला का भी निवास है। नगर में तेजाजी महाराज के कुल 4 मंदिर हैं, जिसमें एक भादर सिंह भाटिया के यहां स्थित है व दूसरा खेड़े पर स्थित है। इन चारों मंदिर की अलग-अलग मान्यता है। रातभर चारों मंदिरों में तेजा दशमी के अवसर पर भजन-कीर्तन होते हैं।

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