सर्वे कर 80 प्रतिशत तक नुकसान का बनाया पंचनामा
देवास। मौसम के अनुकूल नहीं रहने से इस बार सोयाबीन सहित अन्य फसलों को काफी नुकसान हुआ है। पहले कई दिनों तक बारिश नहीं होने और बाद में लगातार बारिश से फसल बुरी तरह प्रभावित हुई। कुछ दिनों तक हरीभरी होकर लहलहा रही फसल अधिक बारिश होने से खराब हो गई। फसल के बर्बाद होने से किसान आर्थिक रूप से टूट चुके हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि फसल बोने के लिए जो कर्ज लिया था, उसे अब कैसे चुकाएंगे। इधर किसानों की मांग पर सर्वे भी शुरू हुआ है।
शुक्रवार को बीमा कंपनी ने ग्राम सुनवानी महाकाल के हल्का नंबर 56 में सर्वे किया। बीमा कंपनी के अधिकारियों को किसानों ने अपने खेतों में खराब हुई फसल की जानकारी दी। किसानों ने बताया कि हमारे खेतों में सोयाबीन पूरी तरह से पीली हो गई है। हमारी फसलों को इल्ली ने भी नुकसान पहुंचाया था और अब लगातार हुई बारिश से फसल को काफी नुकसान हुआ। भारतीय किसान संघ के जिला मंत्री शेखर पटेल ने भी बीमा कंपनी के अधिकारियों को पूरी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हम पूरे क्षेत्र में भ्रमण कर रहे हैं। खेतों में जाकर देखते हैं तो पता चलता है कि कई किसानों को शत-प्रतिशत नुकसान हुआ है। बीमा कंपनी के अधिकारियों ने भी माना कि फसलों को काफी नुकसान हुआ है। कंपनी के अधिकारियों ने भ्रमण कर नुकसानी का पंचनामा बनाया। पंचनामा में उन्होंने 60 से 80 प्रतिशत तक नुकसान होने की बात कही है। गौरतलब कि किसानों को लहसुन के भाव भी नहीं मिल रहे हैं, जिससे लहसुन उत्पादक किसान निराश है। भारतीय किसान संघ के पूर्व जिला अध्यक्ष गोवर्धन पाटीदार का कहना है कि किसानों ने मेहनत से लहसुन का उत्पादन किया था। उन्हें उम्मीद थी कि लहसुन के अच्छे भाव मिलेंगे, लेकिन भाव में गिरावट से किसानों को लागत भी नहीं निकल रही है। किसानों के हित में योजनाएं तैयार की जाना चाहिए। इधर क्षेत्र में लगातार बारिश ने सोयाबीन-मक्का की फसल को भी बर्बाद कर दिया।
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