आध्यात्मिक क्रांति की अग्रदूत थीं प्रकाशमणि दादी- ब्रह्माकुमारी प्रेमलता दीदी

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देवास। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय कालानी बाग सेंटर में प्रकाशमणी दादी की 19वीं पुण्यतिथि स्वामी रामनारायण महाराज, माधवानंद महाराज, पूर्णानंद महाराज, स्वामी राम सुमिरणजी, पुनीत रामजी, ब्रह्माकुमारी प्रेमलता दीदी के सानिध्य में मनाई गई।

मुख्य अतिथि समाजसेवी नरेंद्र मिश्रा, रामेश्वर जलोदिया, नारायण व्यास, राजेश गोस्वामी, उम्मेद सिंह राठौड़ थे। संस्था की जिला संचालिका प्रेमलता दीदी ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि दादीजी प्रकाशमणि के ब्रह्माकुमारी संस्था की मुख्य प्रशासिका के रूप में नियुक्त होते ही संस्था की आध्यात्मिक क्रांति ने जोर पकड़ा। दादीजी ने कई जिंदगियों को अध्यात्म के मार्ग पर अग्रसर कर रोशन किया। आध्यात्मिक क्रांति की अग्रदूत थी प्रकाशमणि दादी। देवदूत के रूप में उभरी और संस्था का सुचारू रूप से संचालन किया। नैसर्गिक प्रतिभा, सहज वृत्ति व दिव्य दृष्टि के आधार पर दादी ने अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त की। वे सदैव स्वयं को ट्रस्टी और निमित्त समझकर चलती थी। शांति दूत पुरस्कार तथा मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय द्वारा उन्हें डायरेक्टरेट की उपाधि प्राप्त हुई। दादीजी 1936 में ब्रह्माकुमारी बन मानव कल्याणार्थ आध्यात्मिक सेवा में लग गई। 25 अगस्त 2007 को उन्होंने देह त्याग कर संपूर्णता को प्राप्त किया। परमात्मा शिव के सानिध्य में राजयोग की गहन साधना कर आत्मिक बल अर्जित किया।

इस अवसर पर समाजसेवी संतोष तेजवानी, जेएल कपूर, मां चामुंडा सेवा समिति के दिनेश सावलिया, इंदरसिंह गौड़, सत्यनारायण पांचाल, जयप्रकाश सोनी, मंजू जलोदिया, दुर्गा व्यास, प्रेमलता चौहान, कला तंवर, संगीता जोशी, सुधा सोलंकी, मनीषा बहन, अपुलश्री बहन, एकता बहन, रत्न प्रभा बहन, विवेक भाई, अफजल भाई आदि ने दादीजी को पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया।

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