इंदौर। इंदौर के खरया परिवार ने परिवार के वरिष्ठों द्वारा शुरू किए गए कार्यों को इस तरह अपनाया कि दिन दोगुनी रात चौगुनी तरक्की करता गया। खरया परिवार फार्मा इंडस्ट्री में जाना पहचाना नाम है।
माडर्न लैबोरेटरीज के मैनेजिंग पार्टनर अरुण खरया और अनिल खरया बताते हैं कि पिता प्रभातचंद्र ने 1979 में इंदौर के सांवेर रोड औद्योगिक क्षेत्र में माडर्न लैबोरेटरीज शुरू की थी। इसके पूर्व उनके दादाजी भी मंडला में यही काम करते थे।
वर्तमान में मार्डन लैबोरेटरीज एंटीबायोटिक्स, एंटीबैक्टीरियल, आंखों के ड्राप सहित 250 प्रकार की दवाइयां तैयार करती है। विटामिन टैबलेट, दर्द निवारक, डायबिटीज की दवा सहित वैटरनरी दवा भी तैयार की जा रही है।
अभी तक भारत में विदेश से दवाएं आयात की जाती थीं, लेकिन अनिल खरया व उनके भाई ने कंपनी के व्यापार को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया और विदेश तक इंदौर में बनी दवाएं पहुंचाने का काम किया। उनकी कंपनी वर्तमान में 20 देशों तक दवा का निर्यात कर रही है। अब इनकी कंपनी सांवेर रोड औद्योगिक क्षेत्र में 30 करोड़ की लागत से वैश्विक स्तर की सुविधा वाला दवा निर्माण प्लांट भी तैयार कर रही है।
दवा निर्माण के अलावा खरया परिवार ने फार्मा एजुकेशन के क्षेत्र में कदम रखा और शैक्षणिक संस्थान की शुरुआत की। कंपनी एमबीए व अन्य कोर्स का संचालन कर रही है। अनिल बताते हैं कि पिता की स्मृति में हमने फार्मा इंस्टिट्यूट शुरू किया था। हमारे संस्थान में 1400 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। इस तरह दवा निर्माण फैक्ट्री व शैक्षणिक संस्थान में 600 लोगों को रोजगार मिल रहा है।
सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से नि:शुल्क दवा वितरण-
अनिल खरया बताते हैं कि हमारी कंपनी सामाजिक संस्थाओं के स्वास्थ्य शिविर में प्रतिवर्ष दवाओं का नि:शुल्क वितरण करती है। इसके अलावा अनाथ आश्रम और वृद्धाश्रमों में विशेष मौके पर दान राशि के माध्यम से जरूरतमंद लोगों की मदद करते हैं। कोविड के दौरान ब्लैक फंगस फैला। उपचार के लिए एंफाटेरिसन बी इंजेक्शन की मांग भी बढ़ गई। तब कंपनी ने इंदौर में ही इस इंजेक्शन को बनाने का काम शुरू किया। इससे इंजेक्शन की उपलब्धता आसान हुई। वर्ष 2023 में एमएसएमई मंत्रालय के कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा इनके उद्योग को प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।
Leave a Reply