स्व. पवन कुमार मिश्र की स्मृति में व्याख्यान एवं रचनापाठ

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– रचनापाठ कर कवियों नेे बांधा समा

देवास। साहित्य अकादमी मध्यप्रदेश द्वारा उत्कृष्ट लेखक स्व. डॉ. पवन कुमार मिश्र की स्मृति में व्याख्यान एवं रचनापाठ कार्यक्रम वरिष्ठ नागरिक संस्था परिसर हॉल, मल्हार स्मृति मंदिर में रखा गया।

साहित्य अकादमी निदेशक डॉ. विकास दवे ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, कि साहित्य अकादमी मध्यप्रदेश के दिवंगत साहित्यकार कवियों की स्मृति में विगत चार-पांच वर्षों से इस प्रकार के आयोजन करती रहती है। इसी कड़ी में देवास में व्याख्यान एवं रचनापाठ रखा गया है। इसमें नवीन एवं वरिष्ठ दोनों प्रकार के कवियों को मौका दिया जाता है।

कार्यक्रम में डॉ. गरिमा संजय दुबे, इंदौर ने अपने व्याख्यान में स्व. पवन कुमार मिश्र के जीवन पर प्रकाश डाला। स्व. मिश्र के पुत्र डॉ. कात्यायन मिश्र, उज्जैन ने अपने पिता की स्मृतियों को याद किया एवं उनकी कविता सुनाई। रचनापाठ करते हुए कवि राकेश दांगी इंदौर ने अपने वीर रस की कविताओं से वातावरण ओजपूर्ण कर दिया। उन्होंने सुनाया मेरी कविता गीत छंद में वंदन हो जाए, शब्द शब्द में देश का वंदन हो जाए,
लिखे एकता का एक इतिहास मिलकर,
भारत भू का बच्चा बच्चा रघुनंदन हो जाए।

अशोक हंसमुख उज्जैन ने अपनी कविता आ गई हूं तुम्हारी कोख में मां कर लो मुझे स्वीकार ओ मां अंश हूं मैं तुम्हारा ही, ना करो तिरस्कार ओ मां, कर लो मुझे स्वीकार ओ मां…..से सभी को भाव विभोर कर दिया।

जितेन्द्रसिंह शिवहरे इंदौर ने अपनी कविता सुनाई-दो नेताओं के बीच में लड़ाई हो गई
खूब तू-तू मैं-मैं में हाथापाई हो गई, दोनों ने एक दूसरे पर खूब कीचड़ उछाला इसी बहाने नाले की सफाई हो गई” से दाद बटोरी। फिर ओम यादव ने मुक्तक सुनाकर मंच लूट लिया अपमानित हो गई अहिंसा मरघट सी खामोशी है। समरसता की बस्ती में गहरी खूब उदासी है। हम विश्व कल्याणक होकर भी हिंसा ग्रस्त कहलाए हैं, धर्म विरोधी तत्वों को हम ही तो सांसद लाए हैं।

Dewas

दिनेश तिवारी उपवन एवं कवियत्री हेमलता शर्मा भोली बहन इंदौर ने भी अपनी कविता सुनाई। कार्यक्रम का संचालन गायक कलाकार जुगलकिशोर ने किया, जिन्होंने काव्यपाठ के समापन के बाद स्त्री स्वर में देशभक्ति गीत ऐ मेरे वतन के लोगों…गाकर सभी को देशभक्ति के भाव में सराबोर कर दिया।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ. प्रकाश कांत, राष्ट्रीय कवि देवकृष्ण व्यास, शशिकांत यादव, जगदीश सेन, प्रो. एसएम त्रिवेदी, ओम वर्मा, चेतन उपाध्याय, गंगासिंह सोलंकी, सुरेन्द्रसिंह राजपूत, विनोद मंडलोई, धीरज साह, डॉ. मनीषा सोनी, यशोधरा भटनागर, हरि जोशी, रामेश्वर पटेल, संजय भटनागर, डॉ. जेपी सिंदल, अरविंद शर्मा, अशोक साहू, अतुल जोशी, महेन्द्र शर्मा, राजेन्द्र राठौर, नरेन्द्र जोशी, ओपी तिवारी, सुभाष व्यास, नरेन्द्र शर्मा, ध्रुवनारायण जोशी, शब्बीर हुसैन कुरेशी, विजय जोशी, वर्षा तिवारी, दिनेश तिवारी, अभिमन्यु तिवारी, दिव्या शर्मा, डॉ कृतिका मिश्रा, राहुल मिश्रा, दिनेश कुमार, कल्पना मिश्रा, अनन्य मिश्रा उज्जैन, भावना मिश्रा, मोईन खान, संजय भटनागर, प्रदीप खोचे मोहनदास बैरागी, घनश्याम जोशी, दीपक मालवीय, धर्मराज सेनी, अचल अग्निहोत्री, महेन्द्र सिंह कवि, दिनेश शर्मा, डॉ. गरिमा संजय दुबे इंदोर,डॉ. कत्यायन मिश्र उज्जैन, हेमंत मुसले, जयप्रकाश चौहान, अमित पिठवे, डॉ। सोनाली चौहान व शरीफ मामू सहित स्व.पवन कुमार मिश्र का पूरा परिवार, वरिष्ठ कवि देवकृष्ण व्यास, शशिकांत यादव, विनोद मंडलोई, जगदीश सेन, राधेश्याम पांचाल,सुरेंद्र सिंह जी हमसफर, मोइन खान जयप्रकाश जय एवं एवं नगर की सभी साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्थाओं के सदस्य, पत्रकार बंधु उपस्थित थे।

दोहाकार व व्यंग्यकार ओम वर्मा ने आभार प्रदर्शन करते हुए डॉ. दवे से देवास में तीन साल से बंद पड़े पाठक मंच को पुनः प्रारंभ करने का अनुरोध भी किया, जिस पर दवे जी ने शीघ्र कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।

 

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