– नगर जनहित सुरक्षा समिति ने कहा ऐसे नालों को नदी में मिलने से रोकें प्रशासन
देवास। शहर से करीब 10 किमी पर शिप्रा नदी बहती है। इसका पानी देवास में सप्लाय होता है। नदी के शुद्धिकरण को लेकर प्रशासन मुहिम चला रहा है, लेकिन जो नाले नदी में मिलकर पानी को प्रदूषित कर रहे हैं, उनकी ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
नगर जनहित सुरक्षा समिति के अनिलसिंह बैस व विनोदसिंह गौड़ ने बताया शिप्रा शुद्धिकरण के लिए प्रशासन के प्रयास सराहनीय है, लेकिन जो नाले नदी में मिल रहे हैं, उन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। शिप्रा गांव में ही छोटे पुल के नीचे इंदौर की तरफ से आ रहे नाले का विषैला गंदा पानी सीधे तौर पर नदी में मिल रहा है। नाले के गंदे पानी से नदी का पानी भी प्रदूषित व काला नजर आ रहा है। यही पानी आगे जाकर डेम में मिल रहा है।
बैस व गौड़ ने बताया नाले के साथ ही नदी में कचरा व गंदगी भी फैली हुई है। इससे यहां पर पवित्र शिप्रा का पानी नहाने व आचमन के लायक भी नहीं है। ऐसे नाले जो शिप्रा में मिल रहे हैं, उन्हें रोका जाना चाहिए, क्योंकि यही पानी देवास में सप्लाय हो रहा है और उज्जैन में भी पहुंच रहा है।
समिति के विजयसिंह तंवर, सुनीलसिंह ठाकुर, सुभाष वर्मा, सुरेश रायकवार, तकीउद्दीन काजी, विजय चौधरी, सत्यनारायण यादव, उमेश राय, अनूप दुबे आदि ने शिप्रा शुद्धिकरण के लिए इस प्रकार के नालों को नदी में मिलने से रोकने के लिए ठोस योजना बनाने की मांग प्रशासन से की है।
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