परमात्मा की कथा मृत्यु का भय दूर कर देती है- पं. शास्त्री

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देवास। परमात्मा की कथा मृत्यु का डर दूर कर देती है। परमात्मा की कृपा से ही हमें श्रीमद् भागवत कथा श्रवण करने का अवसर प्राप्त होता है। कलियुग में सबसे ज्यादा डर है तो वह मृत्यु का है। मृत्यु को सुधारना है तो कथा का श्रवण अवश्य करें। परमात्मा पर अगर विश्वास अटल है, तो फिर मृत्यु का भय भी नहीं सताएगा।

यह विचार व्यासपीठ से पं. अजय शास्त्री सिया वाले ने भोपाल रोड स्थित आंवलिया पिपलिया में श्रीमद् भागवत कथा के विश्राम अवसर पर व्यक्त किए। उन्होंने कहा कथा दुख को सुख में बदल देती है। कथा मानव जीव को मोक्ष की ओर ले जाती है। परमात्मा को समर्पित होकर कथा श्रवण करने से जीवन सुधर जाता है।

bhagvat katha

उन्होंने कहा संसार में लीला करने के बाद लीलाधारी भगवान श्रीकृष्ण जब अपने परमधाम को जाते हैं। सारी प्रजा कहने लगी प्रभु आप तो हमें छोड़कर जा रहे हो। कैसे जीएंगे, कैसे सुख से रहेंगे। आप थे तो आनंद ही आनंद था। हमारा जीवन सुखमय था, लेकिन अब क्या होगा। इस संसार में जो भी आता है, उसे जाना ही पड़ता है, जो जन्मा है, उसे मरना ही पड़ता है। संसार नाशवान है।

पं. शास्त्री ने भगवान श्रीकृष्ण-सुदामा चरित्र की भावपूर्ण व्याख्या कर श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया। इस दौरान पं. शास्त्री ने भक्ति गीत गोविंद मेरो है गोपाल मेरो है…, ओ राधा रमन घनश्याम मेरो है.. की सुमधुर प्रस्तुति दी तो श्रद्धालु झूमने लगे। आयोजक मंडल, धर्मप्रेमियों द्वारा व्यासपीठ की पूजा-अर्चना कर महाआरती की गई। सैकड़ों धर्मप्रेमियों ने कथा श्रवण कर धर्म लाभ लिया।

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