– प्रतिमा का किया गया बाल स्वरूप श्रृंगार
बेहरी (हीरालाल गोस्वामी)। पूरे क्षेत्र में हनुमान जन्मोत्सव पर मंदिरों के साथ-साथ सड़कों पर चहल-पहल दिखाई दी। अधिकतर स्थानों पर अनुष्ठान यज्ञ के साथ भंडारे का आयोजन किया गया।
क्षेत्र प्रसिद्ध मनकामेश्वर भोमियाजी मंदिर, चैनपुरा, खेड़ा पजरिया रामपुर, गुवाडी, अंबापानी, खेड़ापति हनुमान मंदिर सहित बेहरी के नवनिर्मित खेड़ापति हनुमान मंदिर में श्रद्धालु पूर्व जनपद सदस्य नाथूसिंह सेठ दांगी, पूर्व सरपंच रामचंद्र दांगी, लीलाधर दांगी, योगेंद्र दांगी के परिवार ने अभिषेक का लाभ लिया। सुबह से शाम तक श्रद्धालु दर्शन लाभ लेने आते रहे।
रात्रि 2 बजे से आने लगे श्रद्धालु-
बेहरी क्षेत्र के प्रसिद्ध भोमियाजी हनुमान मंदिर पर रात्रि 2 बजे से ही श्रद्धालु दर्शन करने आने लगे। सुबह 3 बजे से रुद्र महा अभिषेक शुरू हो गया, जो सुबह 5 बजे तक चला। सुबह 6 बजे हनुमान जन्मोत्सव की आरती के साथ जन्मोत्सव मनाया गया।
यहां के पुजारी विद्याधर वैष्णव ने बताया, कि यजमान मोतीलाल पटेल, जगदीश पटेल, सागर पटेल, प्रेम पटेल, कांतिलाल पटेल और लक्ष्मीनारायण पाटीदार सहित उनके परिजन रात्रि में यहीं पर रुके। सुबह आरती के समय भी श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या में उपस्थिति दिखाई दी। अभिषेक के बाद प्रतिमा का बाल स्वरूप श्रृंगार किया गया। इसके बाद श्रद्धालुओं का आने का क्रम शुरू हुआ जो रात तक चलता रहा। यहां चल रहे हवन-यज्ञ की पूर्णाहुति के बाद दोपहर 2 बजे से भोजन प्रसादी भंडारा शुरू हुआ। इसके पूर्व भी मंदिर समिति के सदस्यों द्वारा हर आने वाले श्रद्धालुओं को फल एवं मीठी नुक्ती की प्रसादी वितरित की गई। मंदिर में भी बड़ी मात्रा में चने एवं चिरौंजी प्रसाद का भोग लगाया गया, जो श्रद्धालुओं को वितरित होता रहा। दो क्विंटल से अधिक सुगंधित फूलों से भोमियाजी का दरबार सजाया गया। सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने बड़े-बड़े पुष्पहार चढ़ाए। 2 दिन पूर्व भी यहां पर निशुल्क विवाह के समय हजारों लोगों की उपस्थिति रही। इस सप्ताह में तीन बार मंदिर परिसर में बड़े आयोजन संपन्न हुए हैं।
पंडित विद्याधर वैष्णव के अनुसार विगत 15 दिनों में 50 हजार से अधिक श्रद्धालु मंदिर में दर्शन लाभ लेकर गए हैं।
दूर-दूर से आते हैं श्रद्धालु-
श्रद्धालुओं की मान पूरी होने के चलते इस मंदिर का नाम मनकामेश्वर भोमियाजी हनुमान मंदिर हो गया है। खरगोन, उज्जैन, इंदौर, देवास, शाजापुर आदि स्थानों से आए श्रद्धालुओं ने बताया, कि वह जो भी कामना करके गए हैं, वह अधिकतम 6 माह में पूरी हो गई इसलिए उनकी श्रद्धा और बढ़ गई है। पंडित यज्ञ आचार्य चंद्रप्रकाश जोशी ने बताया, कि वर्ष में अधिकतर समय दूर दराज के लोग यहां पर पूजन और अभिषेक करवाने आते हैं। उनकी मनोकामना पूर्ण होती है। वही खेड़ापति हनुमान मंदिर में यज्ञ व भगवान के अभिषेक के साथ रामायण पाठ की पूर्णाहुति हुई।
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