गुड़ी पड़वा पर देववासिनी परिवार मिलन समारोह आयोजित होगा
देवास। शौर्य दिवस से संस्था देववासिनी ने चामुंडा माता टेकरी पर काशी के गंगा घाट पर होने वाली प्राचीन गंगा आरती की तरह निरंजनी महाआरती प्रारंभ की है। महाआरती में प्रति शनिवार, रविवार को हजारों की संख्या में भक्त उमड़ रहे हैं।
संस्था सचिव महेश चौहान ने बताया, कि संस्था चैत्र नवरात्र का प्रारंभ हिंदू नववर्ष, गुड़ी पड़वा का पर्व धूमधाम से मनाएगी। मान्यता है, कि ब्रह्माजी ने इसी दिन सृष्टि की उत्पत्ति की थी। चैत्र नवरात्र का प्रारंभ होता है। विजय का प्रतीक गुड़ी पड़वा पर्व मनाया जाता है। भगवान श्रीराम का राज्याभिषेक, धर्मराज युधिष्ठिर का राजतिलक इसी दिन हुआ था। विक्रम संवत्सर का प्रारंभ, भगवान झूलेलाल जन्मोत्सव अर्थात चैतीचंड उत्सव मनाया जाता है। आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानंद सरस्वतीजी एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवारजी का जन्मदिन अथवा वर्ष प्रतिपदा उत्सव इसी दिन मनाया जाता है। इन महान संदर्भों से जुड़े हिंदू नववर्ष पर कार्यक्रम संस्था देववासिनी के संरक्षक सांसद महेंद्रसिंह सोलंकी के संरक्षण, समाजसेवी अशोक खंडेलिया की अध्यक्षता में विराट कृपा भवन हीरो शोरूम के पीछे गंगानगर, एबी रोड पर आयोजित किया जाएगा।
अपनी संस्कृति, अपना दर्शन, तजें विदेशी आकर्षण, इस विचार के साथ 9 अप्रैल को शाम 6 बजे से प्रारंभ होने वाले देववासिनी द्वारा आयोजित हिंदू नववर्ष परिवार मिलन कार्यक्रम के संयोजक पार्षद अजय तोमर है। सह संयोजक पार्षद संजय दायमा, नीलेश वर्मा, भूपेश ठाकुर, ऋतु सवनेर, प्रवीण वर्मा, गोपाल खत्री, सोनू परमार, प्रतीक सोलंकी, संजय ठाकुर हैं। कार्यक्रम में हजारों की संख्या में सनातनी हिंदू समाजजनों के एकत्रित होने का अनुमान है।
निरंजनी महाआरती में शहर के समस्त वार्डों से जिन भक्तों ने हिस्सा लिया है, वे परिवार व इष्ट मित्रों सहित अधिक से अधिक संख्या में हिन्दू नववर्ष के कार्यक्रम में सम्मिलित हो कर सांस्कृतिक कार्यक्रम का हिस्सा बने। इसके लिए संस्था देववासिनी के कार्यकर्ता हरिसिंह धनगर, शंभू अग्रवाल, शेखर कौशल, पंकज वर्मा, जयेश पड़ियार, खिलेश शिंदे, अाशीष दवे, पंडित योगेश, मनीष जैन, शुभम चौहान, देवेंद्र माली, अनुज शर्मा, दीपेश शर्मा, पंकज सोनी, रितेश उपाध्याय, रोहित द्वारा पिछले सप्ताह से शहर के विभिन्न वार्डों में बैठकें की जा रही हैं। विविध धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक संगठनों के कार्यकर्ताओं, समाजजनों को व्यापक स्तर पर पत्रक वितरण किए जा रहे हैं।
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