– साथियों को दी सलाह, कहा अर्जुन के समान अपने लक्ष्य की ओर निरंतर अग्रसर रहना होगा
देवास। भागवत गीता आध्यात्मिक प्रगति का आधार तो ही है, यह विद्यार्थी जीवन में भी सफलता के शिखर पर अग्रसर करती है। इसका एक उदाहरण देवास के अनुराग व्यास हैं। हाल में अनुराग ने गेट-2024 में ऑल इंडिया की 313वीं रैंक हासिल की है। देशभर के लाखों विद्यार्थियों में अनुराग की इस उपलब्धि में भागवत गीता का ज्ञान महत्वपूर्ण रहा। पढ़ाई के लिए ताे अधिकांश वक्त देना ही था, लेकिन अनुराग नियमित रूप से 15 से 20 मिनट भागवत गीता पढ़ते थे। भागवत गीता से उन्हें ध्यान केंद्रित करने में मदद मिली और अर्जुन की तरह उन्होंने एक बड़ा लक्ष्य हासिल कर लिया।
हर साल सभी ब्रांच से लगभग सात लाख छात्र इस परीक्षा में भाग लेते हैं। अनुराग बीईआईटी BEIT ब्रांच के चौथे वर्ष का छात्र हैं। इस परीक्षा में अपने प्रयासों और मेहनत के बल पर आल इंडिया में 313 का स्थान हासिल किया है। अनुराग कहते हैं, हमारे धर्मग्रंथों में सफलता का मूल मंत्र दिया हुआ है। हम पढ़ाई तो करते हैं, लेकिन धर्मग्रंथों के प्रति हमारा ध्यान नहीं जाता। मैं पढ़ाई के साथ-साथ समय निकालकर नियमित रूप से भागवत गीता भी पढ़ता था, जिससे मेरा मन एकाग्र हुआ और सफलता मिली। इस ध्यान ने मुझे पढ़ाई में बहुत अधिक मदद की। अनुराग ने अपने साथियों को भी सलाह दी है, कि वे अपने लक्ष्य पर ही ध्यान केंद्रित करें। उन्होंने कहा, “जैसे अर्जुन ने तेलपात्र में मछली के प्रतिबिम्ब को देखते हुए एक ही बाण से मछली की आंख को भेदा, हमें भी अपने लक्ष्य की ओर निरंतर अग्रसर रहना चाहिए।
अनुराग ने अपनी उपलब्धि के लिए अपने दादा-दादी, पिता बसंत व्यास व मां राधा व्यास, बहिन आस्था व श्रद्धा व्यास, और अध्यापकों का धन्यवाद किया है। पिता बसंत व्यास देवास जिले के सिंगावदा में हायर सेकंडरी स्कूल में शिक्षक हैं। अनुराग ने कहा, मुझे उन सभी लोगों का धन्यवाद देना चाहिए, जिन्होंने मुझे मोटिवेट किया और मेरे साथ खड़े रहकर मुझे सहारा दिया। वे हमेशा मुझे याद दिलाते रहे, कि सफलता का रास्ता स्वयं मेहनत का होता है।
उन्होंने कहा, मेरा सपना यह है, कि जैसे हमारे वैज्ञानिकों ने चंद्रयान 3 से देश को महसूस कराया, उसी प्रकार मैं भी अपने देश की उन्नति के लिए अपना योगदान दे सकूं।
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