प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व स्तरीय रेलवे स्टेशन व रेल सुविधाओं की सौगात दी- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

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– प्रधानमंत्री श्री मोदी ने 41 हजार करोड़ लागत की रेल परियोजनाएं राष्ट्र को की समर्पित
-मध्यप्रदेश में 33 से अधिक रेलवे स्टेशनों का होगा पुनर्विकास और मिलेगी 133 रोड ओवर ब्रिज/अंडर पास की सौगात
– मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश की रेलवे स्टेशन पुनर्विकास परियोजनाओं की शिलापट्टिकाओं का किया अनावरण
– मुख्यमंत्री डॉ. यादव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कार्यक्रम में सीहोर से हुए शामिल

भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आधुनिक और तेज रेलवे के लिए अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत 41 हजार करोड़ की लागत से देश के 554 रेलवे स्टेशनों के कायाकल्प और 1500 रोड ओवर ब्रिज/अंडरपास के शिलान्यास, उद्घाटन समर्पण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सीहोर से शामिल हुए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश के 33 से अधिक रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की सौगात देने के लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी का आभार माना। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में प्रदेश में 77 हजार करोड़ रुपए के निर्माण कार्य जारी हैं, प्रदेश में रेलवे सुविधाओं का लगातार विस्तार हो रहा है और हमें नई तकनीक और नई व्यवस्थाओं के साथ विश्व स्तरीय रेलवे स्टेशन एवं रेल सुविधाएं प्राप्त हो रही हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सीहोर जिले की जन आभार यात्रा में शामिल हुए। केन्द्रीय रेल, संचार, इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से राष्ट्रीय कार्यक्रम को संबोधित किया।
डबल इंजन की सरकार से हम समर्थ और सक्षम राज्य के लक्ष्य की ओर अग्रसर है-
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि डबल इंजन की सरकार में मध्यप्रदेश विकास की पटरी पर तेज गति से आगे बढ़ रहा है। मध्यप्रदेश देश के मध्य में स्थित है, रेलवे अधोसंरचना के विकास की यहां बहुत संभावनाएं हैं। यहां देश की दो प्रमुख रेलवे लाइनें तो संचालित हैं ही, इसके साथ ही सीहोर होकर रामगंज मंडी तथा बुधनी की रेल लाइन बिछाने के कार्य को भी गति दी जा रही है। रेलवे अधोसंरचना के विकास को तेजी से पूरा किया जाएगा, इससे प्रदेश के विकास को और भी गति मिलेगी। हम समर्थ और सक्षम राज्य के लक्ष्य की ओर निरंतर अग्रसर हैं।
भोपाल-सीहोर-रायसेन, भोपाल-विदिशा, उज्जैन-इंदौर और उज्जैन-देवास ट्विन सिटी के रूप में विकसित होंगे-
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उद्योग, रोजगार में बढ़ोत्तरी के साथ ही महिलाओं, युवाओं और कमजोर वर्ग की प्रगति के लिए कई योजनाएं चलाईं जा रही है। किसी भी योजना के लिए धन की कमी नहीं रहने दी जाएगी। सीहोर नगर पालिका द्वारा उनके सम्मुख रखे गए प्रस्तावों को मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्वीकृति प्रदान की। उन्होंने कहा कि भोपाल और सीहोर का विकास समन्वित रूप से ट्विन सिटी के आधार पर होगा। दोनों नगरों को जोड़कर आवागमन के साधन, आवासीय परियोजनाएं और रोजगार के अवसरों के समग्र विकास की योजना का क्रियान्वयन किया जाएगा। उज्जैन-इंदौर, उज्जैन-देवास, भोपाल-विदिशा, भोपाल-सीहोर-रायसेन जिले अमृत काल में 2047 तक ट्विन सिटी के रूप में विकसित किए जाएंगे।
प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में आगामी वर्षों में देश चहुंमुखी विकास करेगा-
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा, कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुए विकास और प्रगति से दुनिया में देश का नाम स्थापित हुआ है। उन्होंने कहा, कि धारा 370 की समाप्ति और मुस्लिम बहनों को तीन तलाक से मुक्ति बड़ी उपलब्धियां है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में आगामी वर्षों में देश चहुंमुखी विकास करेगा, अंतरिक्ष में और अधिक उपलब्धियों के साथ ही गरीबों और महिलाओं के जीवन में भी सकारात्मक बदलाव आएगा।
इंदौर, उज्जैन, जबलपुर, खंडवा, सीहोर सहित प्रदेश के 33 रेलवे स्टेशनों का होगा पुनर्विकास-
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश के रेलवे स्टेशनों की पुनर्विकास परियोजनाओं की शिलापट्टिकाओं का अनावरण किया। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री श्री मोदी ने मध्यप्रदेश के 33 स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए शिलान्यास के साथ ही 133 रोड ओवर ब्रिज (आरओबी) एवं अंडरपास का शिलान्यास एवं उद्घाटन किया। प्रदेश के जिन 33 रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास के लिए शिलान्यास किया गया, उनमें सीहोर, जबलपुर, बीना, अशोकनगर, खिरकिया, साँची, शाजापुर, ब्यौहारी, बरगवाँ, नरसिंहपुर, पिपरिया, इन्दौर, उज्जैन, मंदसौर, मक्सी, नागदा, नीमच, शुजालपुर, खाचरोद, बालाघाट, छिंदवाड़ा, खण्डवा, मंडला फोर्ट, नैनपुर, सिवनी, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, बिजुरी, मुरैना, हरपालपुर, दतिया और भिंड स्टेशन शामिल हैं। आरओबी में जबलपुर रेल मंडल के दो और भोपाल रेल मंडल के चार आरओबी शामिल हैं। अंडरपास के अंतर्गत जबलपुर में एक एवं भोपाल मंडल में दो स्थानों पर कार्य होंगे। उल्लेखनीय है, कि मानवयुक्त समपार फाटकों को खत्म करने के लिए आरओबी/अंडरपास बनाया जाता है।

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