गेहूं की फसल में लग रही है इल्ली
बेहरी (हीरालाल गोस्वामी)। लगातार 5 दिनों से मौसम में धुंध होने की वजह से गेहूं की फसल इल्ली प्रकोप से खराब हो रही है। यह इल्ली गेहूं के तने में बैठकर तने को खराब कर रही है, जिससे गेहूं फसल को नुकसान होने लगा है। जिस प्रकार रिंग कटर इल्ली सोयाबीन फसल को तने से नष्ट करती है। उसी प्रकार गेहूं में काली इल्ली का प्रकोप बढ़ चुका है।
किसान शिवनारायण पाटीदार, गब्बूलाल पाटीदार, हरि नारायण पाटीदार, राधेश्याम चौधरी, पवन पाटीदार आदि ने बताया, कि गेहूं एचआई 8759 तेजस, लोकवन 1544, जीडब्लयू 312 किस्म में ज्यादा इल का प्रकोप है। कुछ किसानों ने कृषि विभाग की सलाह अनुसार गेहूं की फसल में दवाई स्प्रे शुरू कर दिया है। किसान महेंद्र दांगी ने बताया, कि समय रहते रोकथाम नहीं की जाए तो गेहूं के उत्पादन में बहुत गिरावट आएगी। जिस गेहूं फसल में बालियां आ गई है, उनमें बैठने वाले बीज को भी नुकसान हो रहा है। वह ठंड के चलते खराब होकर मुरझा रहा है।
कृषि विस्तार अधिकारी काशीराम चौहान ने बताया, कि कोइगाओ (इमामेक्टिन बेंजोएट 5 प्रतिशत एसजी) का उपयोग विभिन्न प्रकार की फसलों को फल भेदक, फली भेदक, तना छेदक जैसी सुंडियों/इल्लियों से मुक्ति दिलाने के लिए किया जाता है। इमामेक्टिन बेंजोएट 200 ग्राम प्रति हेक्टर 500 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए।
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