– विद्युत अधोसंरचना का सुदृढ़ीकरण और आधुनिकीकरण होगा
– अत्याधुनिक स्मार्ट मीटर भी लगाए जाएंगे
इंदौर। संभाग के झाबुआ-आलीराजपुर जिले में विद्युत अधोसंरचना को सुदृढ़ करने एवं विद्युत हानियों को कम करने, संसाधनों के आधुनिकीकरण के उद्देश्य से 380 करोड़ रुपए मंजूर कर कार्यारंभ किया गया है। इस राशि में करीब दो तिहाई अंश भारत सरकार का एवं शेष अंश राज्य सरकार का है। प्रदेश के ऊर्जामंत्री प्रद्युम्नसिंह तोमर ने बताया कि दोनों ही आदिवासी बहुल जिलों में आगामी 10 वर्षों को ध्यान में रखते हुए बिजली के नए कार्य सम्मिलित किए गए हैं। इससे लाखों बिजली उपभोक्ताओं को फायदा होगा।
मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने बताया, कि दोनों ही जिलों ने 33/11 केवी के नए 5 ग्रिड बनेंगे। इसके साथ ही मौजूदा 33/11 केवी की 109 किमी की लाइनों के फीडर का विभक्तिकरण एवं इंटरकनेक्शन का कार्य होगा। इन दोनों कार्यों की लागत करीब 26 करोड़ रुपए होगी। मिक्स फीडर, मिक्स 11 केवी के फीडरों का विभक्तिकरण कार्य, निम्न दाब लाइन का कार्य, मिक्स फीडर विभक्तिकरण के बाद 1283 अतिरिक्त ट्रांसफार्मरों की स्थापना आदि कार्यों पर 79 करोड़ व्यय होंगे। 27 स्थानों पर केपिसिटर बैंक की स्थापना चार करोड़ रुपए से की जाएगी।
प्रबंध निदेशक श्री तोमर ने बताया, कि करीब 1125 किमी क्षेत्र में 33 व 11 केवी की बिजली लाइनों के कंडक्टरों की क्षमता में वृद्धि, 1357 किमी क्षेत्र में केबलीकरण, 907 नए ट्रांसफार्मरों की स्थापना लाइनों के साथ की जाएगी। इन कार्यों पर 92 करोड़ रुपए व्यय होंगे। दोनों ही जिलों में अतिरिक्त ट्रांसफार्मर लगाने का कार्य 684 स्थानों पर लाइनों सहित 27 करोड़ से होगा। जिलों में 1562 मौजूदा ट्रांसफार्मरों की क्षमता में वृद्धि भी की जाएगी, इस कार्य पर 29 करोड़ रुपए व्यय होंगे। मौजूदा 33/11 केवी के ग्रिडों पर 25 पावर ट्रांसफार्मरों की क्षमता में वृद्धि की जाएगी, इस पर 15 करोड़ के करीब राशि व्यय की जाएगी। इन कार्यों के अलावा भी संसाधनों के आधुनिकीकरण, लॉस घटाने के जरूरी अन्य उपायों पर राशि व्यय होगी। जिलों के नगरीय क्षेत्रों में 35 हजार से ज्यादा अत्याधुनिक स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे, इस कार्य पर 42 करोड़ का व्यय प्रस्तावित है। आरडीएसएस के तहत मार्च 2025 तक होने वाले इन समस्त कार्यों से झाबुआ, आलीराजपुर दोनों जिलों की लगभग 17 लाख की जनसंख्या लाभान्वित होगी। साथ ही अगले 10 वर्षों की विद्युत मांग की सफलतापूर्वक पूर्ति हो सकेगी। आरडीएएस के तहत दोनों ही जिलों के इन महत्वपूर्ण कार्यों के लिए झाबुआ सर्कल के अधीक्षण यंत्री डीएस चौहान को नोडल अधिकारी बनाया गया है।
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