विद्यार्थियों में विज्ञान की दृष्टि विकसित करने के लिए हर साल विज्ञान मेला लगाया जाएगा-मंत्री श्री परमार
देवास। प्रदेश के स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) इन्दरसिंह परमार उत्कृष्ट विद्यालय देवास में आयोजित राज्य स्तरीय विज्ञान, गणित एवं पर्यावरण प्रदर्शनी (मेले) में शामिल हुए तथा मेले का शुभारंभ किया। राज्य स्तरीय विज्ञान मेले में विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए विज्ञान मॉडलों का अवलोकन कर, विद्यार्थियों की प्रशंसा और उत्साहवर्धन किया।
इस दौरान सांसद महेंद्रसिंह सोलंकी, जिला पंचायत अध्यक्ष लीला अटारिया, महापौर प्रतिनिधि दुर्गेश अग्रवाल, कलेक्टर ऋषव गुप्ता, जिला पंचायत सीईओ प्रकाशसिंह चौहान, एसडीएम टी प्रतीक राव, भेरूलाल अटारिया, निज सहायक शिक्षा मंत्री भरत व्यास, जिला शिक्षा अधिकारी हीरालाल खुशाल, डीपीसी, शिक्षा विभाग के अधिकारी कर्मचारीगण, शिक्षकगण सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे।
कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री श्री परमार ने अपने संबोधन में कहा कि विद्यार्थियों में विज्ञान की दृष्टि विकसित करने के लिए हर साल विज्ञान मेला लगाया जाएगा। इस साल देवास में राज्य स्तरीय विज्ञान मेले का आयोजन किया गया है। इस प्रकार के विज्ञान मेलों से विद्यार्थियों को टेक्नोलॉजी के संबंध में जानकारी मिलती है। विद्यार्थियों में विज्ञान की जानकारी बढ़ेगी तो वे कुछ नया कर सकेंगे, जिससे हमारे देश को और मजबूती मिलेगी।
पौधों में भी होती है जान-
कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री श्री परमार ने कहा कि हमारी शिक्षा ऐसी है कि आज भी रात्रि के समय कोई भी पेड़-पौधों को नहीं सताते हैं और ना ही उनकी कोई पत्ती तोड़ते हैं। यह परंपरा हजारों वर्षों से चली आ रही है। जब कोई बच्चा अपने घर में लगे तुलसी या अन्य कोई पौधों की पत्ती, फूल, फल या डाली को तोड़ता है तो घर के बड़े तुरंत उसे टोक देते हैं तथा कहते हैं कि पेड़-पौधों को रात्रि के समय नहीं तोड़ना चाहिए। इनमें भी जान होती है।
हमारी शिक्षा प्रणाली बहुत प्राचीन है-
शिक्षा मंत्री श्री परमार ने कहा कि हमारी शिक्षा प्रणाली बहुत प्राचीन है। पुराने समय में हमारे यहां गुरुकुलों में पढ़ाया जाता था तथा हमारे पूर्वजों को विज्ञान का भी ज्ञान होता था। उन्होंने महान वैज्ञानिक जगदीशचंद्र बसु का उदाहरण देते हुए बताया कि एक बार वे पौधे की पत्तियां तोड़ रहे थे तभी उनकी मां ने कहा कि बेटा पौधों की पत्तियों को रात्रि के समय नहीं तोड़ना चाहिए, इनमें भी जान होती है। इसी बात को ध्यान रखते हुए वनस्पतियों पर प्रयोग किया और उन्होंने पूरी दुनिया को बताया कि पेड़-पौधों में जान होती है।
आत्मनिर्भर भारत का सपना पूरा हो रहा है-
देवास विकास प्राधिकरण अध्यक्ष राजेश यादव ने संबोधित करते हुए कहा कि हमारा आत्मनिर्भर भारत का सपना पूरा हो रहा है। छात्र अपनी जिम्मेदारी को समझे, अच्छी पढ़ाई कर आगे बढ़े और देश को आत्मनिर्भर बनाने में अपना भी योगदान दें।
विज्ञान मेले के आयोजन से विद्यार्थियों में आता है हुनर-
राजीव खंडेलवाल संबोधित करते हुए कहा कि इस प्रकार प्रदर्शनियों के माध्यम से विद्यार्थियों का हुनर सामने आता है और वे कुछ नया सीखते हैं, उनके इस नए सीखने में ही एक नई खोज हो जाएगी।
बनाए गए मॉडल के संबंध में ली जानकारी-
इस दौरान मंत्री श्री परमार एवं अन्य जनप्रतिनिधिनियों ने विद्यार्थियों से चर्चा की तथा विद्यार्थियों द्वारा बनाये गए मॉडल के संबंध में जानकारी ली। विद्यार्थियों की प्रशंसा और उत्साहवर्धन भी किया। इस मेले में 52 जिलों के जिला स्तर पर विजेता विद्यार्थियों ने भाग लिया है। विजेताओं को प्रथम, द्वितीय, तृतीय पुरस्कार दिया जाएगा, दो श्रेणी के मॉडल है। कक्षा 6टवीं से 8वीं जूनियर एवं 9वीं से 12 वीं सीनियर कैटेगरी के विज्ञान, गणित एवं पर्यावरण मॉडल मेले में प्रदर्शित किए गए। संचालन बसंत व्यास, पंकज वर्मा, दीक्षा दुबे व मेघा पवार ने किया।
उल्लेखनीय है कि उत्कृष्ट विद्यालय देवास में राज्य स्तरीय विज्ञान मेला 20 जुलाई तक आयोजित किया जा रहा है। आयोजन उत्कृष्ट विद्यालय देवास में प्रतिदिन प्रातः 11 से 5 बजे के मध्य होगा। जिसमें संपूर्ण मध्यप्रदेश के 500 से अधिक छात्र-छात्राओं द्वारा अपने विज्ञान मॉडल का प्रदर्शन कर राज्य स्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी लगाई गई है।
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