- नाम बिना बे काम है 56 कोटी विलास, क्या इंद्रासन बैठना, क्या बैकुंठ निवास- सद्गुरु मंगल नाम साहेब
देवास। विश्व शांति और मानव कल्याण के लिए सदगुरु कबीर साहेब द्वारा बताए गए मार्ग पर चलकर विश्व में शांति कायम करने के लिए सद्गुरु मंगल नाम साहेब के सानिध्य में दो दिवसीय गुरु पूर्णिमा महोत्सव आयोजित किया गया। इस अवसर पर हंस चेतना मंच के तत्वाधान में शहर के प्रमुख मार्गों से बैंड-बाजे, बग्गी के साथ शोभायात्रा निकाली गई।
शोभायात्रा सदगुरु कबीर आश्रम मंगल मार्ग टेकरी से प्रारंभ हुई। सद्गुरु मंगल नाम साहेब शोभायात्रा के साथ गुरुद्वारा तक पैदल आए व बस स्टैंड स्थित गुरुद्वारा में साध संगत के दर्शन कर शोभायात्रा भोपाल चौराहा, एमजी रोड सहित नगर के प्रमुख मार्गों से होते हुए शुभारंभ स्थल पहुंची। शोभायात्रा का जगह-जगह महिला-पुरुषों, धर्मप्रेमी नागरिकों द्वारा पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया। सद्गुरु मंगल नाम साहेब ने यात्रा के उद्देश्य को लेकर बताया कि यात्रा का उद्देश्य सदगुरु कबीर साहेब के मार्ग पर चलकर विश्व में शांति स्थापित कर दिव्यांगों, शोषित और पीड़ित के जीवन स्तर को ऊंचा उठाकर उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ना है।
सत्यनाम नाम की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि नाम बिना बेकाम है, 56 कोटी विलास, क्या इंद्रासन बैठना, क्या बैकुंठ निवास। नाम के बिना सब बेकाम है, इसलिए नाम का सुमिरण अवश्य करें। सत्यनाम का उद्घोष करते हुए यात्रा निकाली गई। भजन-कीर्तन कर सत्य नाम, सत्य नाम सत्य है सत्य नाम सत्य है के उद्घोष से माहौल धर्ममय हो गया। शोभायात्रा में मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र सहित अन्य प्रांतों से आए सैकड़ों अनुयायी साध संगत ने शामिल होकर धर्म लाभ लिया।
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