School admission प्राइवेट स्कूलों की तुलना में ज्यादा एडमिशन सरकारी स्कूलों में

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  • क्वालिफाइड टीचर्स और संसाधनों के चलते पेरेंट्स का बढ़ रहा रूझान

बागली (सुनील योगी)। सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में इन दिनों एडमिशन की प्रक्रिया चल रही है। प्राइवेट स्कूल संचालक अपने स्कूल का प्रचार-प्रसार कर बच्चों व उनके पेरेंट्स को आकर्षित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। इसके बावजूद बागली विकासखंड में सरकारी स्कूलों से ये प्राइवेट स्कूल पिछड़ रहे हैं। प्राथमिक स्कूलों में नए बच्चों के एडमिशन की बात करें तो सरकारी स्कूल बहुत आगे हैं।

नया शिक्षा सत्र प्रारंभ हो चुका है और पेरेंट्स अपने बच्चों के लिए ऐसे स्कूल की तलाश कर रहे हैं, जहां पढ़ाई के लिए बच्चों को आवश्यक संसाधन भी उपलब्ध हो। विकासखंड में कई प्राइवेट स्कूल हैं, जहां की पढ़ाई काफी महंगी है। इनमें से कुछ को छोड़ दे तो कई स्कूल ऐसे हैं, जो सरकारी स्कूलों से अभी बहुत पीछे हैं। यही कारण है कि इस बार प्राइवेट स्कूलों में सरकारी स्कूलों के समान भी एडमिशन नहीं हो सके। यहां नए शिक्षा सत्र में 422 प्राथमिक स्कूलों में 1171 बच्चों का एडमिशन हुआ है। सरकारी स्कूलाें में एडमिशन की संख्या 662 है तो प्राइवेट स्कूलों में 509 एडमिशन ही हुए हैं। इस प्रकार प्राइवेट स्कूलों की तुलना में सरकारी स्कूलों में 153 एडमिशन अधिक हुए हैं।

सरकारी स्कूलों में सुविधा अधिक-

अधिक एडमिशन होने पर शिक्षा विभाग के अधिकारी उत्साहित हैं। अधिक एडमिशन का कारण नाम मात्र की फीस, पर्याप्त उपलब्ध संसाधन एवं वेल क्वालिफाइड टीचर्स को बताया जा रहा है। यहां पढ़ाई की गुणवत्ता पर जोर दिया जा रहा है। पढ़ाई के लिए जो संसाधन सरकारी स्कूलों में उपलब्ध कराए जा रहे हैं, वे अधिक फीस लेने वाले प्राइवेट स्कूलों में भी नहीं होते हैं। यही कारण है कि पेरेंट्स का रूझान सरकारी स्कूलों के प्रति बढ़ रहा है। शिक्षा विभाग के अधिकारी-कर्मचारी लगातार विभागीय योजनाओं का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। अधिक एडमिशन के रूप में इसका फायदा भी हुआ है। कलेक्टर ऋषव गुप्ता के मार्गदर्शन में जिला शिक्षा अधिकारी हीरालाल खुशाल सरकारी स्कूलाें में अधिक से अधिक संसाधन जनभागीदारी से जुटा रहे हैं।

हमारे शिक्षकों की मेहनत का परिणाम-

बागली बीईओ नरेश प्रतापसिंह का कहना है, कि इस बार शासकीय स्कूलों में कक्षा एक से कक्षा 12 तक कुल विद्यार्थियों की संख्या 18 हजार 423 है। यह एक बड़ी उपलब्धि के समान है। हमारे शिक्षक बच्चों के एडमिशन के लिए घर-घर संपर्क कर रहे हैं। सरकारी स्कूलों में अधिक एडमिशन सभी शिक्षकों की मेहनत का ही परिणाम है। आने वाले कुछ दिनों में एडमिशन की संख्या अधिक हो सकती है।

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