सूफियाना कव्वाली में फनकारों ने पेश किए एक से बढ़कर एक कलाम

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–  हिंदू-मुस्लिम एकता कमेटी एवं नूरी अंजुमन इस्लामिया कमेटी ने किया आयोजन
बागली (हीरालाल गोस्वामी)।
नगर के पीर स्थान की प्राचीन दरगाह के सूफी संत हजरत सैयद पीर गेब शाह वली और हजरत सैयद पीर मेहताब शाह वली रहमतुल्लाह अलेह के सालाना उर्स के मौके पर हिंदू-मुस्लिम एकता कमेटी के अध्यक्ष जहुर शाह, सोहेल शेख, नूरी अंजुमन इस्लामिया कमेटी के सदर फिरोज खान ने सूफियाना कव्वाली का आयोजन किया। कव्वाली में कव्वालों ने अपनी कव्वाली से श्रोताओं की खूब दाद बटोरी।
कव्वाली के इस प्रोग्राम के अवसर पर नगर पंचायत अध्यक्ष सीमा यादव एवं विधायक प्रतिनिधि कमल यादव ने शिरकत की। श्री यादव ने अपने उद्बोधन में कहा ऐसे कार्यक्रम नगर को गर्वित करते हैं, हम सब एक हैं, हम में जात-पात का, अमीरी-गरीबी का कोई भेदभाव नहीं। इंसानों के अंदर इंसानियत होना चाहिए, सही मायने में लोगों की मदद करना ही ईश्वर की सच्ची भक्ति है।
कार्यक्रम की इसी बेला में नगर परिषद उपाध्यक्ष प्रतिनिधि, समाजसेवी एवं ऊं महाशक्ति ग्रुप के संस्थापक विपिन शिवहरे ने भी अपनी पूरी टीम के साथ कव्वाली के प्रोग्राम में शिरकत की और आयोजक कमेटी का पूर्ण रूप से सहयोग किया।
नगर के वरिष्ठ अभिभाषक सूर्यप्रकाश गुप्ता ने श्रोताओं से आह्वान किया कि मैं कहता हूं या अली सब कहे बजरंगबली उनकी या अली की आवाज सुनते ही उपस्थित श्रोतागण एक स्वर में कहने लगे बजरंगबली। इस दौरान उनकी नजर जब मंच पर लगे होर्डिंग पर गई। होर्डिंग में एक तरफ बाबा ए बागली सैयद अहमद अली कादरी सा. की तस्वीर एवं एक तरफ प्रसिद्ध तीर्थ जटाशंकर के केशवदास महाराज फलहारी बाबा की तस्वीर लगी थी, उन्होंने उपस्थित श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा आयोजक कमेटी ने ऐसी दो हस्तियों के फोटो को जिस सम्मानपूर्वक लगाया है, यह बागली की गंगा-जमुना तहजीब, सांप्रदायिक एकता, भाईचारे और सद्भावना में चार चांद लगाते हैं।


नगर पंचायत की पूर्व अध्यक्ष श्यामा तोमर भी कार्यक्रम में सम्मिलित हुई। कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे नगर के वरिष्ठ अभिभाषक प्रवीण चौधरी ने मंच साझा किया। उन्होंने अपना पसंदीदा शेर … हयात ले के चलो कायनात ले के चलो…, चलो तो ऐसे चलो सारे जमाने को साथ ले के चलो…। पढ़कर खूब तारीफ बटोरी।
कार्यक्रम के दौरान सदर फिरोज खान की 11 साल की बेटी कसब खान का इस्तकबाल किया गया। कसब खान बागली नगर की संभवत: सबसे कम उम्र की उमराह पर जाने वाली बच्ची है। विगत दिनों सदर फिरोज खान के परिवार के साथ उनकी बेटी भी पवित्र यात्रा पर मक्का मदीना पहुंची थी।
जावरा के फनकार सलीम अल्ताफ ने एक से बढ़कर एक कलाम पेश कर श्रोताओं की खूब दाद बटोरी। फनकार सलीम अल्ताफ का मशहूर कलाम हम हुसैन वाले हैं, जब पढ़ा गया तो सुनने वाला हर शख्स खुद को झूमने से ना रोक सका।
सूफियाना कव्वाली के कार्यक्रम में रऊफ भुट्टो, नदीम खान, परवेज बाबा, सोहेल शेख, रईस ठेकेदार, दरगाह खादिम जामीन खान का विशेष योगदान रहा।

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