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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा (Minister A.K. Sharma) ने मंत्रिपरिषद की बैठक में लिए गए निर्णयों में औद्योगिक पार्क (Industrial Park ) बनाए जाने के प्रस्ताव पर प्रेसवार्ता में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में औद्योगिक इकाईयों की स्थापना के लिए मूलभूत आवश्यकता भूमि उपलब्धता है। प्रदेश के उद्यमियों द्वारा औद्योगिक पार्क, क्लस्टर विकसित किए जाने की निरन्तर मांग की जा रही है, जिसके प्रति प्रदेश सरकार गम्भीरता से कार्य कर रही है।
ए.के. शर्मा ने कहा कि प्रदेश में कई ऐसी कताई मिलें और टेक्सटाइल मिले हैं, जो बन्द पड़ी हैं। इन मिलों की निष्प्रयोज्य पड़ी भूमि पर उद्योग स्थापित होने से इसका सदुपयोग हो सकेगा। उन्होंने कहा कि ऐसी मिलों की जनपद बाराबंकी में 69.86 एकड़, रायबरेली में 58.66 एकड़ और मऊनाथ भंजन ( Mau) में 84.27 एकड़ जमीन निष्प्रयोज्य पड़ी थी और इन तीन कताई मिलों के ऊपर लगभग 351.63 करोड़ रुपए की देनदारियां भी थी, जिसमें से 329.49 करोड़ रुपए शासकीय देनदारी थी।
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मंत्रिपरिषद ने दी मंजूरी
जनपद रायबरेली और मऊनाथ भंजन (मऊ) स्थित कताई मिलों की भूमि पर एमएसएमई औद्योगिक पार्क का विकास सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग द्वारा यूपीएसआईसी के माध्यम से कराया जाएगा। जनपद बाराबंकी में स्थित कताई मिल की भूमि का उपयोग औद्योगिक विकास विभाग द्वारा यूपीसीडा के माध्यम से आईटी एवं आईटीईएस पार्क विकसित करने में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मऊ में बंद पड़ी कताई मिल की जमीन पर औद्योगिक पार्क बनने से मऊ की खुशहाली एवं समृद्धि में चार चांद लगेंगे और वहां के हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि मऊ क्षेत्र के विकास के लिए मऊ में आयोजित एक कार्यक्रम में मैंने स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उद्योग लगाने का निवेदन किया था। आज मंत्रिपरिषद द्वारा इसके लिए मंजूरी दे दी गयी, इसके लिए मैं मऊ क्षेत्र की जनता की ओर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का धन्यवाद करता हूं।
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