Dilapidated Roads | जर्जर सड़कें जानलेवा, एसटी भी प्रभावित

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Roads of Badnera lying in pits, administration ignored

भंडारा. जिले में भले ही सड़कों का जाल बिछा हुआ है. लेकिन एक भी सड़क अच्छी नहीं है. अधिकांश ग्रामीण सड़कों की हालत बदतर हो गई है.जानलेवा हो गई सड़कों पर चलना दुपहिया चालकों के लिए ही नहीं एसटी बसों के लिए भी खतरनाक हो सकता है.अनेक स्थान पर बस भी हिचकोले खाते हुए आगे बढ़ती है.नतीजतन यात्रियों को परेशान होते देखा जा सकता है.

जिले में अनेक रास्तों की हालत अत्यंत खराब हो गई है. इन जर्जर मार्गों का असर एसटी बसों पर भी पड़ रहा है. जिससे अनेक मार्गों पर यात्री सेवा तकलीफ में आ गई है. इतना ही नहीं, एसटी बसों के मार्ग बदलने पड़ रहे हैं. 

आमदनी अठन्नी, खर्च रुपैया

जिले में जिधर भी देखें खराब सड़कें ही मिलेंगी. करोड़ों की निधि इन सड़कों पर हर वर्ष खर्च की जाती है. लेकिन मार्ग निर्माण की गुणवत्ता कहीं नजर नहीं आती.यही कारण है कि जिले में सड़कों  की हालत दिनोंदिन खराब होते जा रही है.बारिश के दिनों में मार्गों की हालत अधिक खराब होती है. जहां से यातायात करना खतरे से खाली नहीं है.

यह खतरा दुपहिया व फोर वीलर वाहनों तक सीमित नहीं है. बल्कि अनेक बार रापनि की बसों को भी उखड़े व खराब रास्तों से परेशानी का सामना करना पड़ता है. इन खराब रास्तों से एसटी के नहीं जाने पर उस मार्ग की बस फेरी बंद करनी पड़ती है. ऐसे में अन्य मार्ग से एसटी मोड़कर चलाना पड़ता है.एक ओर एसटी की आमदनी कम है.वही दूसरी ओर खर्च कम होने का नम ही नहीं ले रहा है.  

रापनि बसों का खर्च बढ़ा

खराब रास्तों से अनेक बार बसों के टायर पंचर होते हैं. टायर फटते हैं और नुकसान भी होता है.जिससे भारी वाहनों की दुरुस्ती के लिए रापनि को बड़ा खर्च आता है. इसमें कोई संदेह नहीं है. लेकिन एसटी डिपो में ही दुरुस्ती के लिए विशेष विभाग होने से एसटी की वहां दुरुस्ती की जाती है. रापनि के कर्मचारियों की हड़ताल समाप्त हो जाने से राहत मिलने के बाद डिपो ने एसटी की सेवा पूर्ववत की है. इसके लिए चरणबद्ध तरीके से बसें शुरू की गई है. वहीं अब खराब रास्तों से एसटी की यात्रा में बाधा निर्माण हो रही है. 



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