देवास। जिले में गठित डायग्नोकस्टिक टीम द्वारा विकासखण्ड सोनकच्छ के ग्राम जगदीशपुर, बावई, सुमराखेडी, ओढ, डकाच्याक, राजोदा ग्राम की सोयाबीन फसल का निरीक्षण किया गया।
सोयाबीन फसल की स्थिति सामान्य है। कहीं-कहीं तना मक्खी एवं पत्ती खाने वाले कीट तथा चक्रभंग का प्रकोप देखा गया।
गठित डायग्नोकस्टिक टीम में कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. एके बढाया, वैज्ञानिक डॉ. महेन्द्र सिंह, सहायक संचालक कृषि लोकेश गंगराडे, अनुविभागीय कृषि अधिकारी आरके द्विवेदी, कृषि विकास अधिकारी लाखनसिंह परमार शामिल थे।
कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किसानो को सलाह दी गई कि कीटों के नियंत्रण के लिए क्लोरइंट्रानिलिप्रोल 18.5 एससी (150 मिली/हैक्टेयर) अथवा बीटासाइफ्लूथ्रिऩ+ इमिडाक्लोप्रिड 350 एम.एल. प्रति हैक्टेयर के मान से छिडकाव करें तथा पक्षियों के बैठने के लिए 8 से 10 स्थानों पर टी आकार की खूंटी लगाएं, जिससे पक्षियों द्वारा इल्लियों को नष्ट किया जा सके।
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