– बिना किसी रोकथाम के बिकती है ड्रग्स, “कॉफी शॉप” का मतलब जहां ड्रग्स मिलती है
– यहां वेश्यावृत्ति को मिला हुआ है कानूनी दर्जा
– लोग दूसरों के रहन-सहन पर टीका-टिप्पणी नहीं करते
नीदरलैंड की राजधानी एम्सटर्डम एक अति आधुनिक विचारधारा वाला शहर है। यहां लोगबाग दूसरों के रहन-सहन आदि पर टीका-टिप्पणी नहीं करते हैं।
एम्सटर्डम में पड़ोसी अगर गे (Gay) या लेस्बियन ( lesbian) है तो भी पड़ोसियों को कोई अंतर नहीं पड़ता। वेश्यावृत्ति को कानूनी दर्जा मिला हुआ है। बकायदा वेश्यावृत्ति का लाइसेंस जारी होता है। वेश्याएं यहां आवश्यक सावधानियां बरतते हुए अपना धंधा करती हैं। यहां रेड लाइट एरिया है। लेकिन इन एरियास् में सामान्य लोग भी आराम से रहते हैं। पड़ोस में वेश्या के रहने से किसी को कोई आपत्ति नहीं होती। इन क्षेत्रों में रात्रि में पुलिस तथा मुनिस्पेलिटी के लोग गस्ती करते हैं।
एम्सटर्डम में चारों ओर नहरों का जाल सा फैला हुआ है। अधिकांश अमीरों के पास अपनी खुद की बोट है। नहरों पर बने सभी ब्रिज फोल्डेबिल हैं। जब बड़े शिप या बोट निकलती है तो ब्रिज ऊपर की ओर मोड़ दिया जाता है। शिप के निकल जाने पर ब्रिज पर फिर सामान्य आवागमन शुरु हो जाता है। यहां कार पार्किंग से अधिक मंहगा बोट पार्किंग है। शहर में कारें कम हैं। हर उम्र के लोग साइकिलों से ही आनाजाना पसंद करते हैं। साइकिल चलाने वालों की लेन अलग रहती है और पैदल चलने वालों की अलग। शहर में बड़े-बड़े चौराहे (Squares) हैं जहां हमेशा चहल-पहल बनी रहती है। लोगबाग ईमानदार हैं। दुकानों पर भी लोग अपना सामान का ईमानदारी से काउंटर पर या मशीनों पर कार्ड से पेमेंट कर के ही सामान ले जाते हैं।
शहर में 80 के करीब म्युजियम हैं जिनमें ज्यादातर प्राइवेट म्युजियम हैं। जू तथा म्युजियम में स्थानीय तथा पर्यटकों की हमेशा भीड़ सी लगी होती है। विशेष रूप से साइंस म्युजियम में हमेशा बच्चों की भीड़ ही लगी रहती है। मार्केट यहां 7 बजे बंद हो जाते हैं लेकिन खाने-पीने की दुकानें रात 10-11 बजे तक खुली रहती हैं।
सार्वजनिक आवागमन के बेहतरीन साधन हैं, लोकल ट्रेन, ट्राम तथा बसें रात 12 बजे तक चलती रहती हैं। सभी वाहनों में समय का बड़ा ध्यान रखा जाता है। जिस समय ट्रेन या ट्राम आने का समय डिस्प्ले होता है ठीक उसी समय ये आती हैं, कभी लेट नहीं होतीं। तिराहे चौराहे आदि पर सिग्नल लगे होते हैं। ग्रीन सिग्नल होने पर रोड क्रास कर सकते हैं। जितने समय ग्रीन लाइट रहती है उतने समय तक साउंड होता रहता है ताकि अंधे लोग बिना किसी दिक्कत के रोड क्रास कर सकें। हर दुकान, हर भवन में अशक्त लोगों के लिए रेंप व्यवस्था रहती है ताकि व्हीलचेयर से व्यक्ति बिना किसी अतिरिक्त सहारे के अंदर जा सके या बाहर आ सके। लगभग पूरे यूरोप में अशक्त या विकलांग लोगों की सुविधा के लिए विशेष व्यवस्था रहती है।
एम्सटर्डम में ड्रग्स पर कोई पाबंदी नहीं है। यहां कोई भी शख्स 5 ग्राम कोकीन, अफीम या अन्य ड्रग्स का सेवन कर सकता है। ड्रग्स के यहां बड़े शानदार शोरूम हैं तथा सभी प्रकार के ड्रग्स बिना किसी रोकथाम के बिकते हैं। यहां “कॉफी शॉप” का मतलब जहां ड्रग्स मिलती है। जहाँ कॉफी या बियर मिलती है उसे “कैफे” कहते हैं। किसी के पास 5 ग्राम से अधिक ड्रग मिला भी तो संबंधित शख्स को गिरफ्तार नहीं किया जाता। अपितु ड्रग्स जब्त कर ली जाती हैं। यहां माना जाता है कि नशीले पदार्थों का सेवन हर नागरिक का अधिकार है जिसे सरकार नियंत्रित नहीं कर सकती। यह हमारी भारतीय व्यवस्थाओं के जस्ट विपरीत है। हमारे यहां नशीले ड्रग्स सेवन और बेचना दोनों अपराध हैं। नीदरलैंड में सरकार के भरपूर राजस्व प्राप्ति का भी यह एक कारण है क्योंकि ड्रग्स बिक्री पर टेक्स देना होता है।
एक और बात यहां होटलों के बाहर फुटपाथ पर होटल वाले ग्राहकों के बैठने के लिए कुर्सी टेबल डाल कर रखते हैं। लेकिन यह भी अवैधानिक नहीं है। सरकार या म्यूनिसिपलटी से इसकी विधिवत अनुमति प्राप्त कर होटल मालिक ऐसा करते हैं। अनुमति आवश्यक राशि जमा करने पर दी जाती है।
एम्सटर्डम में दिल के रोगी कम ही मिलते हैं। यहां की जीवन शैली ऐसी है कि आदमी का दिल मजबूत बना रहता है। लोग खूब साइकिल चलाते हैं और साथ ही खूब पैदल चलते हैं। यहां इसलिए हार्ट पेशेंट के बजाय अल्जाईमर और केंसर के मरीज ज्यादा मिलते हैं। ऐसे मरीज सामान्यतः 70-80 वर्ष आयु के होते हैं।
एम्सटर्डम जैसा कल्चर लगभग पूरे यूरोप में ही मैंने देखा है।
-जय हिंद-
अशोक बरोनिया
वरिष्ठ लेखक एवं चिंतक
Leave a Reply