देवास। जिले में स्कूल संचालकों, पुस्तक प्रकाशकों एवं विक्रेताओं के एकाधिकार को समाप्त करने के लिए कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी ऋषव गुप्ता द्वारा देवास जिले की संपूर्ण राजस्व सीमा के लिए प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए गए हैं। जिले में आदेश का पालन कराने एवं अशासकीय विद्यालयों के प्रचार्यों को अवगत कराने के संबंध में जिले के समस्त विकासखण्डों में अनुविभागीय अधिकारियों द्वारा अशासकीय विद्यालयों के प्रचार्यों की बैठक ली।
बैठक में अशासकीय विद्यालयों के प्रचार्यों को जारी आदेश के धारा 144 के प्रावधानों से अवगत कराया और आदेश का पालन न करने पर दण्डात्मक कार्यवाही किये जाने की जानकारी भी दी गई।
देवास जिले में कुल 920 से अधिक प्रायवेट विद्यालय है। जिसमें 1 लाख 93 हजार से अधिक छात्र अध्ययनरत है, जिनमें सबसे ज्यादा देवास विकासखण्ड में 82 हजार से अधिक छात्र पंजीकृत है।
बैठक में बताया गया कि किसी भी छात्र को एक ही दुकान से पुस्तक खरीदने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकेगा एवं साथ प्रायवेट प्रकाशन की जानकारी बेवसाइट पर भी दी जाएगी और पुस्तकें सभी दुकानों पर उपलब्ध हो यह सुनिश्चित किया जाएगा। एक वर्ष में यूनिफार्म को भी दो से ज्यादा होने को प्रतिबंधित किया गया है बार-बार बदलने पर भी कार्यवाही की जाएगी।
देवास विकासखण्ड में बैठक शासकीय नारायण विद्या मंदिर में दो शिफ्टों में रखी गई। इसे अनुविभागीय अधिकारी प्रदीप सोनी द्वारा धारा 144 के तहत की जाने वाली कार्यवाहियों से अवगत कराया और कहा गया कि यह विषय नीति से अधिक नैतिक श्रेणी में आता है समस्त विद्यालय छात्रों को न्यूनतम खर्च में अच्छी किताबे जो कि एन सी आर टी के द्वारा आती है क्रय करने हेतु निर्देशित करे और प्रायवेट प्रकाशन की कीमत को कम कराये एवं सभी दुकानों पर उपलब्ध हो सुनिश्चित करें । जिले के समस्त विकासखण्डों में अनुविभागीय अधिकारी के निर्देशन में बैठक आयोजित की गयी जिसमें डीपीसी प्रदीप कुमार जैन एवं अन्य विकास खण्ड अधिकारियों के साथ जन शिक्षक प्रायवेट विद्यालयों के प्राचार्य उपस्थित थे।
स्कूल संचालकों, पुस्तक प्रकाशकों एवं विक्रेताओं के एकाधिकार को समाप्त करने के लिए जारी आदेश का पालन करने के लिए सभी विकासखंडों में बैठक हुई आयोजित
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