– ग्रामीणों ने कहा बारिश में बाढ़ के पानी में बड़े वृक्ष की टहनियों से क्षतिग्रस्त होने की रहेगी आशंका
क्षिप्रा (राजेश बराना)।
मोक्षदायनी मां क्षिप्रा के पावन तट पर स्थित प्राचीन श्रीकृष्ण मंदिर वर्षाकाल में चारों तरफ पानी से घिरा रहता है। वहां पर आने-जाने का कोई रास्ता नहीं है। इस समस्या के निराकरण के लिए वहां पर 12 पिलरों से रास्ता बनाया जा रहा है।
पूर्व सरपंच प्रतिनिधि बाबूलाल भोजक व ग्रामीणों ने बताया कि बारिश के तेज बहाव का पानी इन पिलरों में से कम मात्रा में निकलेगा। वही बड़े वृक्ष इन पिलरों के बीच में फंस जाएंगे, जिस कारण रास्ता क्षतिग्रस्त होगा। यहां हमेशा वर्षा काल में गंभीर हादसे की आशंका बनी रहेगी।
पूर्व सरपंच प्रतिनिधि श्री भोजक ने बताया, कि ओंकारेश्वर में बने पुल तथा क्षिप्रा नदी पर 1920 में बने पुल चौड़े रास्ते वाले और मजबूत थे, इस प्रकार का पुल यहां बनाए जाएं। प्राचीन श्रीकृष्ण मंदिर जाने के लिए 5 पिलरों के रास्ते का निर्माण करवाया जाएं।
इस संबंध में हमारे संवाददाता ने फोन पर हाटपिपलिया क्षेत्र के विधायक मनोज चौधरी से चर्चा की। विधायक ने कहा कि मैं ठेकेदार से बात कर जानकारी लेता हूं।
Leave a Reply